Biden-Putin will meet in Geneva: जिनेवा में मिलेंगे बाइडन और पुतिन, क्‍या अमेरिका और रूस के तल्‍ख रिश्‍तों में होगा सुधार, पढ़े पूरी खबर

16 जून को रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन की जिनेवा में मुलाकात होगी। यह बाइडन और पुतिन की पहली मुलाकात होगी। यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के आपसी संबंध सबसे खराब दौर में है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 06:57 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 10:53 PM (IST)
Biden-Putin will meet in Geneva: जिनेवा में मिलेंगे बाइडन और पुतिन, क्‍या अमेरिका और रूस के तल्‍ख रिश्‍तों में होगा सुधार, पढ़े पूरी खबर
राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन। फाइल फोटो।

वाशिंगटन, एजेंसी। Putin and Biden are scheduled to meet in Geneva: 16 जून को रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन की जिनेवा में मुलाकात होगी। यह बाइडन और पुतिन की पहली मुलाकात होगी। यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के आपसी संबंध सबसे खराब दौर में है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रूस ने हाल में अमेरिका को ऐसे देशों की सूची में डाल दिया है, जिसके संबंध दोस्‍ताना नहीं है। इस प्रकार के संबंधों को अनफ्रेंडली स्‍टेट की संज्ञा दी जाती हे। इतना ही नहीं दोनों देशों में कोई राजदूत नहीं है। आइए जानते हैं कि दोनों देशों के बीच क्‍यों तल्‍ख हुए रिश्‍ते। दोनों नेताओं की मुलाकात से रूस और अमेरिका के कूटनीतिक रिश्‍तों में सुधार होगा।

वार्ता के लिए क्‍यों चुना गया जिनेवा

प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि दोनों नेताओं की यह प्र‍तीकात्‍मक रूप से ये सम्‍मेलन काफी अहम है। उन्‍होंने कहा कि पुतिन के साथ बाइडन की होने वाली बैठक पर सबकी नजरें हैं। उन्‍होंने कहा कि वार्ता के लिए जिनेवा का स्‍थान चुनना काफी अहम है। पंत ने कहा कि शीत युद्ध के दौरान 1985 में पहली बार पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और पूर्व सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचोव की मुलाकात हुई थी। यह स्‍थान शीत युद्ध की याद दिलाता है। हालांकि, उन्‍होंने कहा कि इस बात की संभावना बहुत कम है कि इस मुलाकात में दोनों के बीच कोई व्‍यक्तिगत तालमेल दिखेगा और राजनीतिक बर्फ प‍िघलेगी। उम्‍मीद की जा रही है कि दोनों नेताओं के बीच लंबी वार्ता होनी है। पुतिन अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के समान दिखना चाहते हैं। वह अपनी शर्तों पर सम्मान चाहते हैं। वह अपनी ताकत दिखाते हुए शक्तिशाली नेताओं के समूह में बने रहना चाहते हैं।

दोनों देशों को बेहतर संबंध की उम्‍मीद

बाइडन और पुतिन की मुलाकात के पूर्व पुतिन ने रूसी मीडिया के समक्ष कहा था कि ऐसे बहुत से मामले हैं जिन पर हम अमेरिका के संग काम कर सकते हैं। दोनों देशों के लिए यह एक सकारात्‍मक संदेश था। पुतिन ने कहा कि हमने कई मुद्दों में परमाणु हथियार नियंत्रण, सीरिया और लिबिया सहित क्षेत्रीय टकराव और जलवायु परिवर्तन का जिक्र किया था। उन्‍होंने कहा कि अगर हम इन मसलों पर काम करने का तरीका खोज लेते हैं तब हम यह कह सकते हैं यह मुलाकात बेकार नहीं होगी।

पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों को लताड़ा

हाल में रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने यूरोपीय देशों को निशाना बनाया था। पुतिन मानते हैं कि इस वक्‍त पश्चिमी देश रूस के लिए बड़ा खतरा हैं। हाल में सेंट पीटर्सबर्ग में दिए एक भाषण में उन्‍होंने कहा था कि अमेरिका हमारे विकास को बाधित करना चाहता है। वह हमारे विकास को रोकना चाहता है। इसके पूर्व पुतिन ने अमेरिका व पश्चिमी देशों की ओर संकेत करते हुए कहा था रूस के विकास को अवरुद्ध करने की कोशिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देंगे। पुतिन ने बल देकर कहा था कि दुनिया को रूस की प्रतिष्‍ठा और ताकत के बारे में जानने की जरूरत है।

गतिरोध के 4 बड़े मुद्दे अमेरिका ने हाल के सालों में दर्जनों रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है और दो परिसरों को बंद कर दिया है। रूस में अमेरिकी अभियानों में स्थानीय लोगों को नौकरी देने से रोकने पर भी चर्चा है जिसका मतलब है कि वीज़ा सहित अन्य सेवाओं में कटौती करना। रूस ने हाल ही में कैदियों की अदला-बदली के लिए दोबारा जोर दिया है, लेकिन उसकी शर्तों को पूरा करना अमेरिका के लिए नामुमकिन लगता है। वहीं, रूस की तरफ से भी कोई ढील दिए जाने की बहुत कम संभावना है। पुतिन के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवेलनी का मामला भी उठ सकता है। नवेलनी को पहले जहर दिया गया था और अभी वह जेल में बंद है। इसको लेकर रूस पर मानवाधिकार उल्‍लंघन का आरोप लगता रहा है। नवेलनी को मॉस्को की एक अदालत ने चरमपंथी बताकर प्रतिबंधित कर दिया है। यूक्रेन को लेकर दोनों देशों के बीच मतभेद बरकरार है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की ने पुतिन-बाइडन जिनेवा शिखर सम्मेलन को लेकर अफसोस जताया है। जेलेंस्की ने कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने की योजना और रूस-से-जर्मनी तक की प्राकृतिक गैस पाइपलाइन को लेकर लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी।

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