11 दिनों की सुनवाई के बाद फेडरल ग्रांड ज्यूरी ने सुनाया फैसला, ठोका जुर्माना

कैलिफोर्निया की एक भारतवंशी दंपती को बेगारी कराने के लिए 15 साल आठ महीने जेल की सजा सुनाई गई है। बकाया मजदूरी एवं अन्य नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें तीन पीड़ित कामगारों को 15657 डॉलर (11 लाख रुपये से अधिक) का भुगतान करने को कहा गया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 07:19 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 07:19 PM (IST)
11 दिनों की सुनवाई के बाद फेडरल ग्रांड ज्यूरी ने सुनाया फैसला, ठोका जुर्माना
11 दिनों की सुनवाई के बाद फेडरल ग्रांड ज्यूरी ने उन्हें दोषी पाया था।

वाशिंगटन, एजेंसी। कैलिफोर्निया की एक भारतवंशी दंपती को बेगारी कराने के लिए 15 साल आठ महीने जेल की सजा सुनाई गई है। बकाया मजदूरी एवं अन्य नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें तीन पीड़ित कामगारों को 15,657 डॉलर (11 लाख 51 हजार रुपये से अधिक) का भुगतान करने को कहा गया है। सतीश कर्तान और उसकी पत्नी शर्मिष्ठा बरई को बेगारी कराने की साजिश रचने का दोषी पाया गया।

11 दिनों की सुनवाई के बाद फेडरल ज्यूरी ने दोषी पाया था

11 दिनों की सुनवाई के बाद फेडरल ग्रांड ज्यूरी ने 14 मार्च को उन्हें दोषी पाया था। दो अक्टूबर को कोर्ट ने बरई को भी 15 वर्ष आठ महीने कैद की सजा सुनाई। कोर्ट के दस्तावेज और सुनवाई के दौरान पेश किए गए सुबूतों के अनुसार, फरवरी 2014 और अक्टूबर 2016 के बीच दंपती ने विदेश से स्टॉकहोम स्थित अपने घर पर घरेलू कामकाज के लिए कामगार रखे थे।

कामगारों से रोजाना 18 घंटे काम कराया, मजदूरी भुगतान और रोजगार के बारे में झूठे दावे

इंटरनेट और भारत के अखबार में नौकरी के लिए दिए गए विज्ञापन में उन्होंने मजदूरी भुगतान और रोजगार की स्थिति के बारे में झूठे दावे किए थे। भर्ती करने के बाद दंपती ने कामगारों से रोजाना 18 घंटे काम कराया।

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