आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से पता चलेंगी भविष्य में होने वाली बीमारियां, शोधकर्ताओं ने विकसित की नई प्रणाली

इस एआइ माडल के जरिये व्यक्ति की उम्र बढ़ने से उसके पाचन और श्वसन संबंधी रोगों के खतरे का आकलन होगा। उम्र बढ़ने के साथ शरीर में होने वाले परिवर्तन का कोशिकाओं मानसिक स्थिति और व्यवहार संबंधी गतिविधियों पर विपरीत असर पड़ता है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 02:43 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 02:43 PM (IST)
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से पता चलेंगी भविष्य में होने वाली बीमारियां, शोधकर्ताओं ने विकसित की नई प्रणाली
इलाज में तकनीक का सहारा (फोटो : एएनआइ)

न्यूयार्क, एएनआइ। बफैलो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के एक दल ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) की एक नई प्रणाली विकसित की है, जो मरीज में उम्र बढ़ने के साथ होने वाली गंभीर बीमारियों की जानकारी पहले से दे देगी।

इस शोध को ‘जर्नल आफ फार्माकोकायनेटिक्स एंड फार्माकोडायनेमिक्स’ में प्रकाशित किया गया है। इस माडल में मेटाबोलिक (उपापचय) और कार्डियोवस्कुलर (धमनी और हृदय संबंधी) बायोमार्कर का प्रयोग किया जाएगा। इसे मापने की जैविक प्रक्रिया के जरिये शरीर में कोलेस्ट्राल स्तर, बाडी मास इंडेक्स, ग्लूकोज और ब्लड प्रेशर का आकलन करके सेहत का हाल पता लगाया जाएगा। साथ ही लोगों के जीवनकाल में उसे होने वाली बीमारियों का अंदेशा भी वैज्ञानिक आधार पर आंका जाएगा।

इस एआइ माडल के जरिये व्यक्ति की उम्र बढ़ने से उसके पाचन और श्वसन संबंधी रोगों के खतरे का आकलन होगा। उम्र बढ़ने के साथ शरीर में होने वाले परिवर्तन का कोशिकाओं, मानसिक स्थिति और व्यवहार संबंधी गतिविधियों पर विपरीत असर पड़ता है। फार्मास्यूटिकल साइंस के प्रोफेसर मुरली रामनाथन ने कहा कि इस जानकारी से हम किसी रोग के विकास क्रम को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। साथ ही भावी मरीजो को भी अपने बचाव के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। कई नैदानिक थेरेपी के जरिये मरीजों को उस बीमारी की ओर बढ़ने से रोका जा सकता है। इस माडल से दीर्घावधिक क्रानिक ड्रग थेरेपी का भी आकलन किया जा सकेगा, जिससे डाक्टरों को डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्राल और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के इलाज में निगरानी रखने में भी मदद मिलेगी।

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