एंटनी ब्लिंकन ने कहा परमाणु समझौते पर ईरान से अनिश्चित काल तक नहीं की जा सकती है बातचीत
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कुवैत में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए ईरान के साथ बातचीत की प्रक्रिया लंबे समय तक नहीं चल सकती है।
कुवैत, रायटर। 2015 के परमाणु समझौते पर ईरान के साथ बातचीत को लेकर अमेरिकी सियासत से बड़ा बयान सामने आया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को कहा कि 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए ईरान के साथ बातचीत की प्रक्रिया लंबे समय तक नहीं चल सकती है।
क्या कहना है अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कुवैत में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 'हम कूटनीति के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन यह प्रक्रिया अनिश्चित काल तक नहीं चल सकती है। कुछ बिंदु पर जेसीपीओए (संयुक्त व्यापक कार्य योजना) द्वारा प्राप्त लाभ जेसीपीओए में वापसी से पूरी तरह से पुनर्प्राप्त नहीं किया जा सकता है यदि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम के संबंध में की गई गतिविधियों को जारी रखता है, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सम्मेलन संबोधित करते हुए यह भी कहा कि 'हमने स्पष्ट रूप से अपने अच्छे विश्वास और परमाणु समझौते के पारस्परिक अनुपालन पर लौटने की इच्छा प्रदर्शित की है…… गेंद ईरान के पाले में है और हम देखेंगे कि क्या वे अनुपालन में वापस आने के लिए आवश्यक निर्णय लेने के लिए तैयार हैं'
आपको बता दें कि परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए तेहरान और वाशिंगटन के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता हुई थी, जिसमें से तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2018 में संयुक्त राज्य अमेरिका को वापस ले लिया, वहीं कट्टरपंथी मौलवी इब्राहिम रायसी के इस्लामिक गणराज्य के राष्ट्रपति चुने जाने के दो दिन बाद 20 जून को यह वार्तालाप स्थगित कर दिया। वार्ता में शामिल पक्ष, जिसमें चीन, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी और यूरोपीय संघ भी शामिल हैं, परमाणु समझौते पर इन देशों ने अभी तक यह नहीं कहा है कि वे फिर से कब बातचीत शुरू कर सकते हैं। वहीं ईरान के सर्वोच्च नेता ने बुधवार को घोषणा की थी कि तेहरान 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए वाशिंगटन की 'जिद्दी' मांगों को स्वीकार नहीं करेगा और कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका यह गारंटी देने में विफल रहा है कि वह फिर से समझौते को कभी नहीं छोड़ेगा। फिलहाल ब्लिंकन अभी कुवैत की अपनी यात्रा पर हैं। और अब देखना यह है कि अमेरिका और ईरान परमाणु समझौते पर बातचीत को लेकर क्या निर्णय लेते हैं।