भारत चीन सीमा विवाद पर डोनाल्ड ट्रंप बोले, दोनों देश के बीच मध्यस्थता को तैयार है अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा कि हमने भारत और चीन दोनों को सूचित किया है कि अमेरिका दोनों देशों की सीमा विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता को तैयार है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 05:18 PM (IST) Updated:Thu, 28 May 2020 07:39 AM (IST)
भारत चीन सीमा विवाद पर डोनाल्ड ट्रंप बोले, दोनों देश के बीच मध्यस्थता को तैयार है अमेरिका
भारत चीन सीमा विवाद पर डोनाल्ड ट्रंप बोले, दोनों देश के बीच मध्यस्थता को तैयार है अमेरिका

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। भारत और चीन के सेनाओं के बीच सीमा पर बढ़ रहे दबाव के बीच अमेरिका भी कूद पड़ा है। अब जबकि लद्दाख क्षेत्र में दोनो देशों की सैन्य टुकड़ियां एक-दूसरे से कुछ सौ मीटर की दूरी पर तैनात हैं और दोनो तरफ से सैनिकों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है तब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मामले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता करने की पेशकश की है। वैसे बुधवार को चीन ने भी अपने रुख में बदलाव का संकेत दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत के साथ सीमा पर उत्पन्न तनाव को स्थिर व नियंत्रण में बताया है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार भारतीय समयानुसार शाम तकरबीन पांच बजे यह ट्वीट किया है कि हमने भारत व चीन को यह सूचित किया है कि अमेरिका उनके सीमा विवाद को सुलझाने व उसमें मध्यस्थता करने के लिए तैयार है व सक्षम है। भारत व चीन के बीच सीमा विवाद पर पहली बार अमेरिका या किसी दूसरे देश ने टिप्पणी की है। बताया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से बयान देना ही मामले की गंभीरता को बता रहा है।

We have informed both India and China that the United States is ready, willing and able to mediate or arbitrate their now raging border dispute. Thank you!

— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 27, 2020

पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री समेत तीनों सेना प्रमुखों संग की थी बैठक

ट्रंप ने संभवतः गंभीरता को देखते हुए और तनाव के स्तर को कम करने के लिए ही यह ट्वीट किया है। चीनी सैनिकों के लद्दाख के क्षेत्र में भारतीय सीमा में घुस आने और टेंट बनाये जाने की स्थिति को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एनएसए अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस बिपिन रावत व तीनों सेनाओँ के प्रमुखों के साथ बैठक की थी। इस बैठक को अंतरराष्ट्रीय मीडिया में काफी प्रमुखता से जगह दी गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान से ठीक पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय की एक वरिष्ठ अधिकारी ने चीन की तरफ से भारतीय सीमा में प्रवेश की घटना को बहुत चिंताजनक करार दिया था। इसके पहले डोकलाम विवाद के दौरान (जुलाई-सितंबर, 2017) में भी अमेरिका ने भारत का पक्ष लिया था।

 

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बोले, हालत स्थिर व नियंत्रण में

उधर, बुधवार को ही चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से जब भारतीय सीमा पर तनाव के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि हालात स्थिर व नियंत्रण में है। दोनो देशों की तरफ से मामले को सुझलाने के लिए सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर बातचीत चल रही है। प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा है कि चीन अपनी भौगोलिक संप्रभुता की सुरक्षा करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। साथ ही चीन अपने सीमावर्ती इलाके में शांति व स्थायित्व के लिए भी सक्षम है। जहां तक भारत के साथ सीमा का सवाल है तो यह पूरी तरह से स्थिर व नियंत्रण में है। कोई समस्या होती है तो हम उसे विचार-विमर्श व सलाह से समाधान करने में सक्षम है।

सनद रहे कि मई, 2020 के पहले हफ्ते में चीन के सैनिकों ने भारत से सटे सीमावर्ती इलाको में कम से कम तीन स्थानों पर भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की है। पूर्वी लद्दाख के एक इलाके में उनके पांच हजार सैनिक भारतीय सीमा में अस्थाई कैंप बना कर रह रहे हैं। भारत ने इस चुनौती को देखते हुए वहां ज्यादा फौज तैनात करने शुरू कर दिये हैं। भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने लद्दाख जा कर हालात की समीक्षा भी की थी।

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