अमेरिकी हिंदू संगठन ने रूस पाकिस्तान और तुर्की के ड्रोन तकनीक के उत्पादन का संयुक्त रूप से‌ किया विरोध

मेरिका के एक हिंदू संगठन हिंदू अमेरिका फाउंडेशन (एफएएच) ने रूस पाकिस्तान और तुर्की को संयुक्त रूप से ड्रोन तकनीकी उत्पाद का जमकर विरोध किया है। ड्रोन तकनीकी मामले की जांच के लिए हिंदू अमेरिका फाउंडेशन ने अमेरिकी कांग्रेस का समर्थन मांगा है।

By Ashisha SinghEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 08:54 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 08:54 PM (IST)
अमेरिकी हिंदू संगठन ने रूस पाकिस्तान और तुर्की के ड्रोन तकनीक के उत्पादन का संयुक्त रूप से‌ किया विरोध
अमेरिकी हिंदू संगठन ने रूस पाकिस्तान और तुर्की के ड्रोन तकनीक के उत्पादन का संयुक्त रूप से‌ किया विरोध

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के एक हिंदू संगठन, हिंदू अमेरिका फाउंडेशन (एफएएच) ने रूस, पाकिस्तान और तुर्की को संयुक्त रूप से ड्रोन तकनीकी उत्पाद का जमकर विरोध किया है। ड्रोन तकनीकी मामले की जांच के लिए हिंदू अमेरिका फाउंडेशन ने अमेरिकी कांग्रेस का समर्थन मांगा है।

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन का रूस, पाक और तुर्की के ड्रोन उत्पादन पर विरोध

अमेरिका के एक हिंदू संगठन 'हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन' द्वारा रूस, पाक और तुर्की के ड्रोन की तकनीकी उत्पादन को लेकर विरोध किया जा रहा है। बता दें कि पिछले हफ्ते, डेविड सिसिलिन और गस बिलिरकिस सहित सांसदों के एक द्विदलीय समूह ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को लिखे एक पत्र में तुर्की को अमेरिकी ड्रोन प्रौद्योगिकी के लिए निर्यात लाइसेंस निलंबित करने की मांग की गई थी। काकेशस, दक्षिण एशिया, पूर्वी भूमध्यसागरीय और दुनिया भर के अन्य क्षेत्रों में अंकारा के ड्रोन कार्यक्रमों की अस्थिर भूमिका की आधिकारिक जांच लंबित है। जिसके बाद से ही हिंदू अमेरिकी संगठन ने अमेरिकी कांग्रेस का समर्थन मांगते हुए ड्रोन तकनीकी के उत्पादन का विरोध करना शुरू किया।

क्या है विरोध का कारण

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) ने सोमवार को एक बयान में कांग्रेस के कदम का समर्थन करते हुए कहा कि लड़ाकू यूएवी के तुर्की-पाकिस्तानी-रूसी संयुक्त उत्पादन को दुनिया भर के लोकतंत्रों को खतरे में नहीं डालना चाहिए उल्लेखनीय है कि कश्मीर में विगत 26 और 27 जून को ड्रोन से हमले हुए थे। जो अमेरिका के सहयोगी भारत के सामने आने वाली चुनौतियों की याद दिलाता है। सार्वजनिक नीति के एचएएफ निदेशक तनियल कौशाकजियान ने कहा कि 'उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व, दक्षिण काकेशस और दक्षिण एशिया तक तुर्की की तेजी से अस्थिर करने वाली भूमिका, अमेरिका, हमारे हितों और हमारे सहयोगियों और भारत जैसे रणनीतिक भागीदारों के लिए एक स्पष्ट और प्रत्यक्ष खतरा है।' तनियल कौशाकजियान ने कहा कि तुर्की के लड़ाकू यूएवी को कश्मीर में मौजूदा जिहादी ताकतों के साथ जोड़ना भारत के लिए एक वास्तविक खतरा बन सकता है। 

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