Increase Vaccine Production: जॉनसन एंड जॉनसन की सीरम इंस्टीट्यूट के साथ वैक्सीन के संयुक्त उत्पादन पर विचार

अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन का भारत में संयुक्त उत्पादन करने और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ) जैसे विनिर्माताओं को उत्पादन बढ़ाने में मदद पर विचार कर रहा है। अमेरिकी दूतावास के चार्ज डीअफेयर्स डेनियल बी स्मिथ ने मंगलवार को यह बात कही।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 04:59 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 05:01 PM (IST)
Increase Vaccine Production: जॉनसन एंड जॉनसन की सीरम इंस्टीट्यूट के साथ वैक्सीन के संयुक्त उत्पादन पर विचार
जॉनसन एंड जॉनसन की सीरम इंस्टीट्यूट के साथ वैक्सीन के संयुक्त उत्पादन पर विचार। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, एजेंसी। अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन का भारत में संयुक्त उत्पादन करने और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ) जैसे विनिर्माताओं को उत्पादन बढ़ाने में मदद पर विचार कर रहा है। अमेरिकी दूतावास के चार्ज डीअफेयर्स डेनियल बी स्मिथ ने मंगलवार को यह बात कही। स्मिथ ने कहा कि अमेरिका भारत में महामारी की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित है।

भारत के साथ पूरी मुस्तैदी से खड़ा अमेरिका

बाइडन प्रशासन इस संकट से निपटने के लिए भारत के साथ पूरी मुस्तैदी से खड़ा है। हाल में कार्यवाहक विदेश मंत्री और कार्यवाहक उप-विदेश मंत्री रहे स्मिथ को भारत में अमेरिकी दूतावास में चार्ज डीअफेयर्स नियुक्त किया गया है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि संयुक्त उत्पादन स्थापित करने में समय लगता है। अमेरिका इस बात पर गौर कर रहा है कि वह उत्पादन बढ़ाने के लिए कैसे निवेश कर सकता है और कैसे भारत में जॉनसन एंड जॉनसन के टीके के उत्पादन में मदद मिल सकती है। स्मिथ ने अमेरिका के बाल्टीमोर में उत्पादित किए जा रहे एस्ट्राजेनेका के टीके को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा, 'एस्ट्राजेनका के टीके का उत्पादन बाल्टीमोर के बाहरी हिस्से में स्थित संयंत्र में हो रहा है। लेकिन इस संयंत्र के साथ समस्या है। अब तक अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने प्रमाणित नहीं किया है कि ये टीके किसी के उपयोग और निर्यात के लिए उपलब्ध हैं या नहीं।'

अमेरिका ने भारत को सहायता देने के लिए प्रतिबद्धता जताई

अमेरिका कोविड-19 वैश्विक महामारी की अप्रत्याशित दूसरी लहर के दौरान लगातार पैदा हो रही जरूरतों को लेकर भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अमेरिकी सरकार ने अब तक 10 करोड़ डालर (करीब 7,34,29,50,000 रुपये) मूल्य की सहायता सामग्री दी है। इसके अलावा, निजी क्षेत्र ने भी 40 करोड़ डालर (करीब 29,36,16,00,000 रुपये) मूल्य की अतिरिक्त सहायता सामग्री दान की है। यानी भारत को कुल 50 करोड़ डालर (करीब 36,69,70,00,000 रुपये) की सहायता सामग्री भेजी गई है।

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