भारत को मिला अमेरिका का भरोसा- कोरोना को हराने तक मदद करता रहेगा प्रशासन

बाइडन प्रशासन की एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस की विनाशकारी दूसरी लहर से उबरने में भारत की मदद करने के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध है और महामारी को हराने तक उसकी मदद करने के लिए तैयार है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 01:21 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 03:10 AM (IST)
भारत को मिला अमेरिका का भरोसा- कोरोना को हराने तक मदद करता रहेगा प्रशासन
भारत को मिला अमेरिका का भरोसा- कोरोना को हराने तक मदद करता रहेगा प्रशासन

वाशिंगटन, प्रेट्र। बाइडन प्रशासन की एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस की विनाशकारी दूसरी लहर से उबरने में भारत की मदद करने के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध है और महामारी को हराने तक उसकी मदद करने के लिए तैयार है।

संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआइडी) की प्रशासक सामंथा पावर ने भारत के लिए एंजेंसी की मिशन डायरेक्टर के शपथ ग्रहण समारोह में यह बात कही। वीना रेड्डी मिशन डायरेक्टर बनी हैं जो मूल रूप से आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं और आयरलैंड होते हुए अमेरिका पहुंची थीं।

वीना रेड्डी यूएसएआइडी की भारतीय मूल की पहली इंडिया मिशन डायरेक्टर हैं। इस मौके पर अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू और नई दिल्ली स्थित अमेरिकी के प्रभारी राजदूत अतुल केशप भी मौजूद रहे और समारोह को संबोधित किया।

बता दें कि अमेरिका खुद दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित देश है। इसके बाद भी वह लगातार भारत की हरसंभव मदद करने के लिए भरोसा जता रहा है। अभी फिलहाल यहां पर डेल्टा वेरिएंट और संक्रमण के बढ़ते मामलों बढ़ रहे हैं। ऐसे में यूएस किसी भी तरह से यात्रा प्रतिबंध को नहीं हटाएगा। ये फैसला शुक्रवार को व्हाइट हाउस में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिया गया है। यानी इससे साफ हो गया है कि यूएस में लंबे वक्त से लगे यात्रा प्रतिबंधों में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।

वहीं, यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के निदेशक रोशेल वालेंस्की ने गुरुवार को बताया था कि देश में नए मामलों का सात दिन का औसत पिछले सप्ताह की तुलना में 53फीसदी अधिक था। इस वक्त डेल्टा वेरिएंट देश भर में 80फीसदी से अधिक नए मामले शामिल हैं और 90 से ज्यादा देशों में ये वेरिएंट संक्रमण फैला है। पिछले हफ्ते, सीडीसी ने अमेरिकियों से ब्रिटेन की यात्रा से बचने का भी आग्रह किया था।

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