अमेरिका ने कहा- दक्षिण चीन सागर में समुद्री सैन्य अड्डों से दबंगई दिखा रहा है चीन

अमेरिका ने कहा कि पांच साल पहले चीनी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में वादा किया था कि चीन स्प्रैटली द्वीप समूह के सैन्यीकरण का इरादा नहीं रखता और समुद्री सैन्य अड्डों के जरिये दूसरे देशों पर कोई दबाव नहीं डालेंगे लेकिन चीन यह वादा भूल गई।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 06:36 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 06:36 PM (IST)
अमेरिका ने कहा- दक्षिण चीन सागर में समुद्री सैन्य अड्डों से दबंगई दिखा रहा है चीन
दक्षिण चीन सागर पर ड्रैगन का कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता।

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका का कहना है कि दक्षिण चीन सागर पर ड्रैगन का कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता, लेकिन वह जबरदस्ती अपना नियंत्रण बनाए रखना चाहता है। इसके लिए चीन अपने समुद्री सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल कर रहा है।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार वादा भूल गई

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मॉगर्न ऑर्टागस ने कहा कि पांच साल पहले 25 सितंबर 2015 में चीनी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में वादा किया था कि चीन स्प्रैटली द्वीप समूह के सैन्यीकरण का इरादा नहीं रखता और समुद्री सैन्य अड्डों के जरिये दूसरे देशों पर कोई दबाव नहीं डालेंगे, लेकिन, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार यह वादा भूल गई।

चीन समुद्री क्षेत्र में लगातार सैन्य शक्ति बढ़ा रहा

चीन इस समुद्री क्षेत्र में लगातार सैन्य शक्ति बढ़ा रहा है और उकसाने वाली कार्रवाइयां कर रहा है। हाल के दिनों में कई देशों ने संयुक्त राष्ट्र में चीनी के गैरकानूनी दावे पर औपचारिक विरोध जताया है।

अमेरिका ने कहा- दुनिया को चीन के खतरनाक बर्ताव के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए

अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चीन के अस्वीकार्य और खतरनाक बर्ताव के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। अमेरिका इस मामले में चीन के खिलाफ दक्षिण-पूर्व एशिया के अपने सहयोगी देशों के साथ खड़ा रहेगा। अमेरिका ने हाल के महीनों में दक्षिण चीन सागर में आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए अपनी नौसैन्य उपस्थिति बढ़ाई है। 

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