कट्टरपंथी इब्राहिम रईसी की जीत पर अमेरिका ने दी प्रतिक्रिया, ईरान के राष्ट्रपति चुनाव पर उठाए सवाल
ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में कट्टरपंथी उम्मीदवार इब्राहिम रईसी को भारी मतों से जीत मिली है। वह अगस्त में मौजूदा राष्ट्रपति हसन रूहानी की जगह लेंगे। इस बीच अमेरिका ने चुनाव पर सवाल उठा दिए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि ईरान में राष्ट्रपति चुनाव निष्पक्षता से नहीं हुए।
वाशिंगटन,एएनआइ। ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में कट्टरपंथी उम्मीदवार इब्राहिम रईसी को भारी मतों से जीत मिली है। वह अगस्त में मौजूदा राष्ट्रपति हसन रूहानी की जगह लेंगे। इस बीच अमेरिका ने चुनाव पर सवाल उठा दिए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि ईरान में राष्ट्रपति चुनाव निष्पक्षता से नहीं हुए, लेकिन सत्ता में चाहे कोई भी हो ईरान को लेकर अमेरिका अपनी हितों को आगे बढ़ाना जारी रखेगा। यह बात विभाग के एक प्रवक्ता ने स्पुतनिक से कही। बता दें कि ईरानी गृह मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा की कि इब्राहिम राईसी ने लगभग 62 प्रतिशत मत के साथ चुनाव जीता। इस बार देश के इतिहास में सबसे कम मतदान 48.8 प्रतिशत रहा।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि हमने देखा है कि ईरानी गृह मंत्री ने शुक्रवार को हुए ईरानी चुनावों के विजेता इब्राहिम राईसी को घोषणा की, लेकिन यह भी ध्यान देना चाहिए कि ईरानियों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया में अपने स्वयं के नेताओं को चुनने के अधिकार से वंचित रखा गया। इस बीच, कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन और सीरिया के राष्ट्रपति बशर असद सहित विश्व के कई नेताओं ने पहले ही राईसी को उनकी जीत पर बधाई दे चुके हैं।
विदेश विभाग के प्रवक्ता ने स्पुतनिक को बताया कि ईरान परमाणु समझौते के अनुपालन को लेकर अमेरिका अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ चर्चा जारी रखेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी ईरान नीति अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने के लिए बनाई गई है। हम वियना में नवीनतम दौर की वार्ता के दौरान हासिल की गई सार्थक प्रगति को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
यूरोपीय संघ ने शनिवार को कहा था कि संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) का संयुक्त आयोग 20 जून को वियना में वार्ता फिर से शुरू करने जा रहा है। चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, ब्रिटेन और ईरान के प्रतिनिधि वार्ता में शामिल होंगे। इस दौरान अमेरिका को परमाणु समझौते में वापस लाने पर चर्चा होगी। साल 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते से अपने देश को अलग कर लिया था और तेहरान पर कई सख्त प्रतिबंध लगा दिए थे।