आंतकी संगठन आइएस-के पर बड़ी कार्रवाई, अमेरिका ने तीन आतंकियों को किया प्रतिबंधित

अमेरिका ने सोमवार को इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आइएस-के) के तीन आतंकियों और उनके लिए धन जुटाने वाले को काली सूची में डाल दिया। अब कोई भी अमेरिकी प्रतिबंधित आतंकियों के साथ किसी भी प्रकार का लेनदेन नहीं कर सकेगा।

By TaniskEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 05:21 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 05:21 PM (IST)
आंतकी संगठन आइएस-के पर बड़ी कार्रवाई, अमेरिका ने तीन आतंकियों को किया प्रतिबंधित
अमेरिका ने आइएस-के के तीन आतंकियों को किया प्रतिबंधित।

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका ने सोमवार को इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आइएस-के) के तीन आतंकियों और उनके लिए धन जुटाने वाले को काली सूची में डाल दिया। अब कोई भी अमेरिकी प्रतिबंधित आतंकियों के साथ किसी भी प्रकार का लेनदेन नहीं कर सकेगा। विदेश विभाग ने एक बयान में बताया कि अफगानिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का गढ़ नहीं बनने देने की मुहिम के तहत तीनों को वैश्विक आतंकी सूची में डाला गया है।

प्रतिबंधित आतंकियों में सनाउल्ला घफारी उर्फ शाहब अल-मुहाजिर शामिल है, जिसे जून 2020 में आइएस-के का कथित अमीर घोषित किया गया था। वह अफगानिस्तान में आतंकी वारदातों को अंजाम देता है। सुल्तान अजीज आजम आइएस-के का स्वघोषित प्रवक्ता है, जबकि मौलवी रजाब काबुल प्रांत में आतंकी हरकतों को अंजाम देता है।

अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने आइएस-के को आर्थिक मदद के लिए इस्मातुल्ला खालोजई पर भी प्रतिबंध लगाए हैं। खालोजई आइएस-के को धन उपलब्ध कराने के लिए तुर्की में हवाला कारोबार चलाता है। वह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में वित्तीय योजना का भी संचालन करता है, ताकि इसके जरिये आतंकी संगठन के लिए धन जुटाया जा सके।

अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के दूत ने पिछले हफ्ते तालिबान के कब्जे के बाद की स्थिति का एक अस्पष्ट मूल्यांकन दिया। उन्होंने कहा कि कि इस्लामिक स्टेट समूह की मौजूदगी बढ़ गई है और अब वह लगभग सभी 34 प्रांतों में मौजूद है। इस्लामिक स्टेट ने पिछले हफ्ते अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एक शिया मुस्लिम इलाके में हुए दो विस्फोटों की जिम्मेदारी ली, जिसमें कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम छह अन्य घायल हो गए। हाल के दिनों में काबुल में कई हमले हुए हैं। समूह ने उत्तरी शहर कुंदुज और दक्षिणी शहर कंधार में शिया मस्जिदों पर भी हमले किए हैं। इन हमलों ने तालिबान सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है, जो गहरे आर्थिक संकट से जूझ रही है। 

chat bot
आपका साथी