दालखोला में गृहणियों की नंबर वन समस्या रसोगई गैस!

-गैस खत्म होने पर 15 किलोमीटर दूर कानकी जाकर ब्लैक में 80 रुपये अधिक देकर खरीदना पड़ता

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 08:55 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 06:20 AM (IST)
दालखोला में गृहणियों की नंबर वन समस्या रसोगई गैस!
दालखोला में गृहणियों की नंबर वन समस्या रसोगई गैस!

-गैस खत्म होने पर 15 किलोमीटर दूर कानकी जाकर ब्लैक में 80 रुपये अधिक देकर खरीदना पड़ता है रसोई गैस

-सप्ताह में एक दिन होती है गैस सिलेंडर की आपूर्ति

संवाद सूत्र, दालखोला : किचन में यदि रसोई गैस समय पर न हो, तो सोच सकते है महिलाओं पर क्या बीतती होगी? घर का चूल्हा नहीं जलता है, तो पूरा दिन का सिस्टम बिगड़ जाता है। होटल में पार्टी त्यौहार पर खाना जेब पर भारी नहीं पड़ता। लेकिन रसोई गैस के कारण दालखोला की गृहणियों को हमेशा एक सिर दर्द के लिए रसोई घर में कदम रखना पड़ता। काफी किफायती से रसोई गैस का इस्तमाल करती है। कारण यदि रसोई गैस समय से पहले खत्म हुआ तो आने में समय लगेगा। कारण दालखोला नगरपालिका में कोई गैस एजेंसी नहीं है। वह शहर से 15 किलोमीटर दूर कानकी में है। गैस आपूर्ति सप्ताह में एक दिन यानी बुधवार को होती है। नगरपालिका परिसर में गाड़ी खड़ी होती है एवं वही से गैस वितरण किया जाता है।जबकि गैस एजेंसी को होम डिलिवरी करने का नियम है।लेकिन होम डिलीवरी होती नहीं होती है,यदि किसी के घर में गैस अचानक ख़त्म हो गया तो उसे 15 किलोमीटर दूर कानकी जानी पड़ती है ,अन्यथा 80 रुपये अधिक देकर ब्लैक में गैस ख़रीदनी पड़ती है ,गैस की कि़ल्लत से शहर की गृहणी परेशान है। गौरतलब है कि नगरपालिका में 25 हजार मतदाता है। आबादी 40 हजार से ऊपर है। गैस चूल्हा लाने में सारा दिन चला जाता है। शिक्षिका शिला पर्वत

दालखोला हिन्दी उच्च विद्यालय

मान लीजिए रसोई बनाते बनाते अगर तत्काल गैस ख़त्म हो गई और घर में कोई पुरुष नहीं है ,तो उस समय 15 किलोमीटर दूर कानकी जाकर गैस लाने की नौबत आती है। दालखोला से पूर्णिया मोड़ तक सड़क जाम की समस्या लगी रहती है। इस परिस्थिति में अगर हम कानकी से गैस नहीं ला पाए तो ,दो तीन दिन खाना पकाना बंद हो जाता है। इसलिए हम सरकार से दरख्वास्त करते हैं कि जल्द से जल्द शहर में एक गैस एजेंसी को नियुक्त किया जाए। चंदना सेठिया

मंत्री तेरा पंथ महिला मंडल दालखोला

सहर मैं रसोई गैस की एजेंसी नहीं होने के कारण ,हम महिलाओं को अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। शहर के लोगों को 15 किलोमीटर दूर स्थित कानकी जाकर रसोई गैस लाना पड़ता है ,जिसके कारण कामकाजी अकेली महिलाओं को बहुत परेशानी होती है।हमारी सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द दालकोखा शहर में रसोई गैस एजेंसी की बहाल किया जाए ,ताकि हम महिलाओं को हो रही परेशानियों से छुटकारा मिल सके। रेणु देवी भुवानिया

पूर्व पार्षद वार्ड नंबर-6

हमने बहुत बार स्थानिय प्रसासन के माध्यम से इस समस्या के बारे ध्यान दिलाने की कोशिश की है। सही बात है कि लोगों को गैस की किल्लत की समस्या हो रही है। लोगों को 15 किमी दूर कानकी जा कर गैस लाना पड़ता है। शहर मे जल्द से जल्द एक गैस एजेंसी बहाल होनी चाहिये। संजू बैद

तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा दालखोला

समय पर रसोई गैस का नहीं मिलना शहर के घर की पहली व मुख्य समस्या है ,सप्ताह में एक दिन नगरपालिका जाकर महिलाओं को लंबी लंबी लाइन में खडा होना पड़ता है। उसमें भी आधे को गैस मिलती है ,और आधे को गैस सिलेंडर प्राप्त नहीं होता है,जिसके पास निजी गाड़ी होती है,वह कानकी जाकर गैस ले आते हैं ,पर सड़क जाम की वजह से पूरा दिन ख़त्म हो जाता है,गैस की डिलीवरी सप्ताह में एक ही दिन होती है,इसके कारण महिलाओं को काफ़ी परेशानी उठानी पड़ती है। प्रसासन से अनुरोध है कि जल्द से जल्द इस ओर ध्यान दें,ताकि स्थानीय लोगो को गैस एवं सड़क जैसी समस्या से जल्द छुटकारा मिल सके।यह समस्या पिछले पांच-छह वर्षो से हो रही है।

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