लीची की बंपर पैदावार के बावजूद ग्राहकों का टोटा

संवाद सूत्रकालियागंजलीची की अच्छी पैदावार के बावजूद ग्राहकों के अभाव के चलते कालियागंज में लीच

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 08:02 PM (IST) Updated:Thu, 28 May 2020 06:12 AM (IST)
लीची की बंपर पैदावार के बावजूद ग्राहकों का टोटा
लीची की बंपर पैदावार के बावजूद ग्राहकों का टोटा

संवाद सूत्र,कालियागंज:लीची की अच्छी पैदावार के बावजूद ग्राहकों के अभाव के चलते कालियागंज में लीची कृषक का भविष्य अंधकार में दिख रहा है। इसे लेकर वे तनाव में है। मुर्शीदाबाद एवं मालदा जिला की तरह उत्तर दिनाजपुर जिला के कालियागंज में भी बड़े परिमाण में लीची की पैदावार होती है। कालियागंज के कई किसान व्यवसायिक रूप से लीची की खेती से जुड़े हुए है, सीजन की शुरूआत में लीची बिक्री के लिए कालियागंज में बाजार लगता था, परिणाम स्वरूप कालियागंज के लीची के किसानों को अच्छे दाम मिलने से आíथक रूप से काफी लाभ होता था, इस बार स्थिति पूरी तरह विपरीत है। लाभ की उम्मीद तो बहुत दूर की बात है। इस बार थोक ग्राहक नदारद है, जिसके चलते कम कीमतों में किसानो को लिची बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा हैं, क्योंकि ग्राहक नहीं है। इस बार कृषकों ने लिची बिक्री के संकट के लिए जारी लोकडाउन को जिम्मेदार ठहराया है। कालियागंज की लीची जो हर जेठ महीने की शुरुआत में बाजार में आती थी, जो उत्तर बंगाल के विभिन्न इलाकों के अलावा पड़ोसी बिहार राज्य में जाती थी, इसके लिए लीची ले जाने या भेजने के लिए सब ट्रेनों पर निर्भर थे, सो कोरोना महामारी के चलते ट्रेन ने बंद कर दी गई है, इसके कारण लीची का कारोबार ठप पड़ गया है।

कालियागंज के प्रसिद्ध नर्सरी विशेषज्ञ तारा प्रसाद, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा अपनी उकृष्ट गुणवत्ता वाली लीची की उपज के लिए कृष्ण रत्न पुरस्कार से नवाजा गया था, उनका कहना है - यह स्थिति कोरोना महामारी के चलते हुई है, नतीजा इस बार कालियागंज लिची कृषकों का भविष्य अंधकार में है।

भंडार पंचायत क्षेत्र के शभू देव शर्मा एवं अनंत पुर पंचायत के विमल राय जैसे लीची उत्पादकों ने कहा कि लीची पेड़ पर उग आई है, लेकिन लीची खरीद के लिए ग्राहक नहीं है, लंबे समय से कालियागंज रेलवे स्टेशन के समीप में लीची का थोक बाजार लगता था, सो इस बार लॉकडाउन के चलते बार नहीं लगा, ट्रेने बंद है, दूसरी तरफ बस एवं वाहनो का परिचालन भी बंद है, जिसके चलते लीची की बिक्री पर विपरीत प्रभाव पड़ा, जिससे लीची किसानों को भारी अíथक नुक्सान का सामना करना पड़ रहा है।

कैप्शन : लीची को बांधते श्रमिक

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