एम्फन राहत आवंटन में भ्रष्टाचार की पुलिस ने जांच की या नहीं, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
राज्य सरकार को आगामी दो सितंबर तक विस्तृत रिपोर्ट जमा करने का निर्देश। सुपर साइक्लोन एम्फन के बाद राहत सामग्रियों के आवंटन में भ्रष्टाचार के मामलों की पुलिस ने जांच की है अथवा नहीं कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से यह सवाल करते हुए रिपोर्ट मांगी है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सुपर साइक्लोन 'एम्फन' के बाद राहत सामग्रियों के आवंटन में भ्रष्टाचार के मामलों की पुलिस ने जांच की है अथवा नहीं, कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से यह सवाल करते हुए रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार को आगामी दो सितंबर तक विस्तृत रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है।
गौरतलब है कि पिछले साल मई में आए एम्फन ने बंगाल के विभिन्न जिलों में भारी तबाही मचाई थी। कोलकाता भी इससे अछूता नहीं रहा था। उत्तर 24 परगना जिले के बशीररहाट के दो नंबर ब्लॉक में राज्य सरकार ने पांच लारियां भरकर राहत सामग्रियां भिजवाई थीं लेकिन स्थानीय प्रभावित लोगों के बीच वे वितरित नहीं की गईं। आरोप है कि राहत सामग्रियों को स्थानीय पंचायत उपप्रधान के घर में जमा करके रखा गया था।
स्थानीय कुछ लोगों ने इसे लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में मामला दायर किया था, जिस पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने सवाल किया कि इस तरह की घटनाएं कैसी हुईं? पुलिस ने इन मामलों में क्या जांच की है? इन सबपर विस्तृत रिपोर्ट दो सितंबर तक अदालत में जमा करनी होगी। गौरतलब है कि राहत सामग्रियों के वितरण में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं।
सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ताओं पर राहत सामग्रियों को हजम कर लेने का आरोप लगा है।भाजपा इसे लेकर शुरू से ही मुखर रही है और मामलों की जांच की मांग करती रही है। सुपर साइक्लोन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल के विभिन्न प्रभावित इलाकों का विमान से मुआयना किया था और राज्य सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया था।