West Bengal Politics: अब प्रशांत किशोर व यशवंत सिन्हा को राज्यसभा में भेजने की तैयारी में तृणमूल

तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर अब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर तथा तृणमूल नेता यशवंत सिन्हा को राज्यसभा में भेजने की तैयारी चल रही है। सूत्रों के अनुसार राज्यसभा की खाली सीटों के लिए प्रशांत किशोर और यशवंत सिन्हा के बारे में तृणमूल कांग्रेस में चर्चा चल रही है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 07:54 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 07:54 PM (IST)
West Bengal Politics: अब प्रशांत किशोर व यशवंत सिन्हा को राज्यसभा में भेजने की तैयारी में तृणमूल
प्रशांत किशोर की विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को शानदार जीत दिलाने में अहम भूमिका रही है।

राज्य ब्यूरो,  कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर अब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री व तृणमूल नेता यशवंत सिन्हा को राज्यसभा में भेजने की तैयारी चल रही है। सूत्रों के अनुसार राज्यसभा की खाली सीटों के लिए प्रशांत किशोर और यशवंत सिन्हा के बारे में तृणमूल कांग्रेस में चर्चा चल रही है। दिनेश त्रिवेदी के विधानसभा चुनाव से पहले इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के बाद उनकी सीट खाली हो गई है। इसके अलावा राज्यसभा सदस्य मानस भुइयां के विधानसभा में चुने जाने के बाद उनकी सीट भी खाली हो गई है। इस स्थिति में तृणमूल को राज्यसभा में अपनी सीटों पर किसी को भेजना होगा। 

सूत्रों के मुताबिक खाली सीटों की भरपाई के लिए प्रशांत किशोर व यशवंत सिन्हा का नाम सबसे अधिक चर्चा में है। माना जाता है कि प्रशांत किशोर की विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को शानदार जीत दिलाने में अहम भूमिका रही है। हालांकि  प्रशांत किशोर ने बंगाल विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद चुनाव प्रबंधन के कार्य से संन्यास लेने की घोषणा की है। पार्टी के एक सूत्र के अनुसार सक्रिय राजनीति में प्रशांत की रुचि हमेशा रही है। वे कुछ समय के लिए नीतीश कुमार के जदयू में शीर्ष पर थे। तृणमूल की युवा पीढ़ी के चेहरे अभिषेक बनर्जी के साथ उनका अच्छा तालमेल है। हालाकी प्रशांत किशोर की टीम ने तृणमूल कांग्रेस की ओर से पीके को राज्यसभा भेजने की खबर का खंडन किया है। 

उसी तरह पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के साथ ममता का रिश्ता बहुत पुराना है। सिन्हा भी अब भाजपा के साथ अपने झगड़े के कारण पीएम मोदी  के कट्टर विरोधी हैं। पिछले लोकसभा चुनावों से ममता-यशवंत के संबंध अच्छे रहे हैं। वह दो साल पहले ब्रिगेड में ममता की बैठक में भी मौजूद थे। वह इस बार विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल में शामिल हो गए और कोलकाता से तृणमूल प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे हैं।

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