Bengal Election Result: बंगाल में प्रचंड बहुमत की ओर TMC, भाजपा के दिग्‍गज हारे, जानें मतगणना का ताजा अपडेट

West Bengal Election Result 2021 लाख कोशिशों के बावजूद बंगाल में ममता बनर्जी (दीदी) के दुर्ग को भाजपा हिला नहीं सकी। बल्कि 2011 व 2016 से भी बड़ी जीत की ओर ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) आगे बढ़ रही है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 10:23 AM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 08:31 PM (IST)
Bengal Election Result: बंगाल में प्रचंड बहुमत की ओर TMC, भाजपा के दिग्‍गज हारे, जानें मतगणना का ताजा अपडेट
बंगाल में चुनाव लड़ने वाले मंत्रियों के नाम व हाई प्रोफाइल विधानसभा क्षेत्र

कोलकाता, राजीव कुमार झा। लाख कोशिशों के बावजूद बंगाल में ममता बनर्जी (दीदी) के दुर्ग को भाजपा हिला नहीं सकी। बल्कि 2011 व 2016 से भी बड़ी जीत की ओर ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) आगे बढ़ रही है। राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के लिए सुबह आठ बजे से ही राज्य के सभी 108 मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती जारी है। इसमें टीएमसी ने काफी बढ़त बना ली है। शाम आठ बजे तक तृणमूल कांग्रेस 292 में से 214 विधानसभा सीटों पर आगे चल रही है।

वहीं, भाजपा 80 से भी कम सीटों पर सिमटती दिख रही है। भाजपा 77 सीटों पर इस समय आगे चल रही है। हालांकि तृणमूल व भाजपा के बीच करीब 40-50 सीटों पर कड़ी टक्कर चल रही है जहां जीत का अंतर दो हजार से कम है। इस चुनाव परिणाम से ऐसा लग रहा है कि ममता बनर्जी को बंगाल में मात देना आसान नहीं है। हालांकि नंदीग्र्राम में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के हाथों ममता बनर्जी को हार का मुंह देखना पड़ा है। चुनाव आयोग की ओर से हालांकि अब तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

शुरुआत में ममता की जीत के बारे में यहां बताया गया लेकिन अंतिम राउंड में सुवेंदु की 1957 वोटों से जीत की बात कही जा रही है। इसके साथ ही भाजपा के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह रही कि 2016 में तीन सीटें जीतने वाली भाजपा 77 सीटों पर बढ़त बनाए हुए। वहीं कांग्र्रेस और वाममोर्चा का बंगाल से सफाया हो गया। अब तक के रुझानों में एक सीट पर भी कांग्रेस व वाममोर्चा को सफलता हाथ लगती नहीं दिख रही है। इधर, ममता की सुनामी ऐसी चली कि केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी, स्वपन दासगुप्ता जैसे नेता हार गए। दूसरी ओर सिंगुर में भी तृणमूल प्रत्याशी जीत गए। 

मालदा व मुर्शिदाबाद में भी तृणमूल ने दर्ज की जीत 

इधर, कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले मुस्लिम बहुल मालदा व मुर्शिदाबाद जिले में भी तृणमूल ने सेंध लगाने में कामयाबी हासिल की। यहां की अधिकतर सीटों पर पार्टी ने जीत हासिल की है। वहीं, कांग्र्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर चौधरी का गढ़ और संसदीय क्षेत्र की बहरमपुर विधानसभा सीट पर भाजपा जीत गई। पिछली बार 2016 में कांग्र्रेस व वाममोर्चा को 76 सीटों पर जीत मिली थी। जिसमें कांग्र्रेस अकेले ही 44 सीटें जीती थी और खासकर नदिया, मुर्शिदाबाद, मालदा जैसे जिलों में कांग्र्रेस को सीटें मिली थी। परंतु, इस बार हालात यह रहे कि एक भी सीट नहीं मिली। माकपा की हालत यह है कि सिलीगुड़ी जहां से पिछले कई टर्म से अशोक भïट्टाचार्य जीतते थे वह भी हार गए। वाममोर्चा के घटक दल भाकपा-आरएसपी व फारवर्ड ब्लाक जमानत भी नहीं बचा पाए। 

उत्तर से दक्षिण तक ममता का परचम 

भाजपा के लिए ममता का दक्षिण का किला भेदना संभव नहीं हो सका। इस क्षेत्र में 109 सीटें हैं। खास कर उत्तर कोलकाता व दक्षिण कोलकाता की सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों ने तृणमूल को कड़ी टक्कर जरूर दी है, लेकिन 11 में 11 पर तृणमूल बढ़त बनाए रखी। सुबह जैसे ही मतगणना का रूझान आना शुरू हुआ तो तृणमूल व भाजपा में कांटे की टक्कर दिखी। परंतु, जैसे-जैसे दिन चढ़ते गए वैसे-वैसे तृणमूल का भाजपा से आगे निकलती चली गई। कोरोना की रोक के बावजूद तृणमूल समर्थकों ने अबीर व गुलाल लगाकर जश्न शुरू कर दिया। यानी दक्षिण से लेकर उत्तर बंगाल तक ममता ने परचम लहराया है।  

ममता बोलीं यह बंगाल के लोगों की जीत 

इधर, तृणमूल की प्रचंड जीत पर ममता ने इसे बंगाल व बंगाल की जनता की जीत बताया। दूसरी ओर भाजपा, वाममोर्चा व कांग्र्रेस मुख्यालय पर सन्नाटा पसरा हुआ था।

तृणमूल की जीत व भाजपा की हार की मुख्य वजहें 

तृणमूल की जीत की वजहों में ममता बनर्जी जैसा चेहरा एक प्रमुख कारण है। इसके अलावा बंगाली अस्मिता, संस्कृति, खुद को बंगाल की बेटी बताना भी एक प्रमुख कारक है। इसके अलावा दुआरे सरकार, स्वास्थ्य साथी, कन्याश्री जैसी योजनाएं भी हैं। भाजपा को बाहरी पार्टी बताना, मुस्लिम वोटबैंक की एकजुटता, ममता का मंदिर जाना और चंडीपाठ भी जीत में एक प्रमुख कारक हैं। 

बंगाल में चुनाव लड़ने वाले मंत्रियों के नाम व हाई प्रोफाइल विधानसभा क्षेत्र

1.ममता बनर्जी-नंदीग्राम। (सीएम)

2.रवींद्र नाथ घोष- नाटाबाड़ी।

3.गौतम देव-डाबग्राम-फुलवाड़ी।

4.ज्योतिप्रिया मल्लि- हाबरा।

5.चंद्रिमा भट्टाचार्य-दमदम उत्तर।

6.तापस राय-बारानगर।

7.ब्रात्य बसु-दमदम।

8.सुजीत बोस-बिधाननगर।

10.मंटूराम पाखिरा- काकद्वीप

11.गियासुद्दीन मोल्ला-मागराहाट पश्चिम

12.जावेद खान-कसबा।

13.अरूप विश्वास-टालीगंज

14.पार्थ चटर्जी-बेहाला पश्चिम

15. शोभन देव चटर्जी- भवानीपुर

16. शशि पांजा-श्यामपुकुर

17.साधन पांडे-मानिकतल्ला

18. फिरहाद हकीम- पोर्ट

19.सुब्रत मुखर्जी-बालीगंज

20.अरूप राय-हावड़ा मध्य

21.निर्मल माझी- उलबेड़िया उत्तर

22.इंद्रनिल सेन- चंदननगर

23.तपन दास गुप्ता-सप्तग्राम

24.असीमा पात्र-धनिया खाली

25.सोमेन महापात्रा-तमलुक

26.संध्या रानी टुडू- मानबाजार

27.श्यामल सांत्रा-सोनामुखी

28.सदिकुल्ला चौधरी-मंतेश्वर

29.स्वपन देवनाथ-पूर्वस्थली

30.मलय घटक-आसनसोल उत्तर

31.आशीष बनर्जी-रामपुरहाट

32.शांति राम महतो-बलरामपुर

33.चंद्रनाथ सिन्हा-बोलपुर

34.उज्ज्वल विश्वास-कृष्णनगर दक्षिण

35.विनय कृष्ण बर्मन- माथाभांगा

36.गुलाम रब्बानी-ग्वालपोखर

37.जाकिर हुसैन- जंगीपुर (16मई को मतदान होगा ) 

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