West Bengal Earthquake :पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा में भूकंप के हल्के झटके, रिक्टर पैमाने पर 4.1 दर्ज की गई तीव्रता
West Bengal Earthquakes पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा में भूकंप के हल्के झटके रिक्टर पैमाने पर 4.1 दर्ज की गई तीव्रता
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कुछ जगह पर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भारतीय भूगर्भ विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले में भूकंप के हल्के झटके आए हैं। रिक्टर पैमाने पर इनकी तीव्रता 4.1 दर्ज की गई।
आईएमडी अधिकारियों ने बताया कि 11:24 मिनट पर यह झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र पृथ्वी की सतह से 15 किमी अंदर, उत्तर में 23.5 डिग्री और पूर्व में 87.1 डिग्री अक्षांश, पर रहा। यह भूकंप महज कुछ सेकंड ही रहा।
आईएमडी अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल से करीब 200 किमी दूर बांकुड़ा जिले में लोगों ने धरती की सतह पर कंपन को महसूस किया। भूकंप का आभास होते ही लोग अपने घरों से बाहर आए गए। अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
सोमवार को हिमाचल में आए थे झटके
हिमाचल प्रदेश में बीते 6 अप्रैल को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। यहां भूकंप का केंद्र जिला चंबा में दर्ज किया गया। सोमवार सुबह करीब 7:00 बजे चंबा व कांगड़ा जिला के कुछ इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.1 दर्ज की गई थी। इसका केंद्र चंबा में जमीन की सतह से पांच किलोमीटर नीचे था।
धनबाद में भी भूकंप का हुआ एहसास
धनबाद में बुधवार की सुबह भूकंप का झटका महसूस किया गया। साथ ही धनबाद से सटे पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्से में भी धरती के डोलने की सूचना है। हालांकि, काफी कम समय के लिए आए भूकंप के कारण ज्यादातर लोग इसे महसूस नहीं कर सके। भूकंप का केंद्र म्यांमार बताया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से जारी सूचना के मुताबिक, दुर्गापुर से 21 किमी की दूरी पर झटका महसूस किया गया जिसकी तीव्रता 4.1 मैग्नीट्यूड था। जमीन के 15 किमी नीचे की गहराई में भूकंप आया था। दुर्गापुर में इसका समय सुबह 11.24 बताया गया है। धनबाद में इसके दो मिनट बाद 11.26 पर इसे महसूस किया गया।
भूगर्भ शास्त्री सह भागा पॉलीटेक्निक के व्याख्याता डॉ. एसपी यादव के अनुसार, दक्षिण से उत्तर की ओर भूकंप महसूस किया गया। तीव्रता काफी कम थी। इस वजह से बहुमंजिली इमारत में रहने वालों को भी इसका एहसास हुआ है। विस्तृत जानकारी इसके अध्ययन के बाद ही मिल सकती है।