West Bengal Coronavirus : बंगाल में भी संक्रमण ने पकड़ा जोर, मृत्यु दर महाराष्ट्र के बराबर पहुंची
चिंताजनक संक्रमण दर के मामले में देश में सातवें नंबर पर है बंगाल। बंगाल में कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा। बंगाल में अब तक कुल संक्रमितों का आंकड़ा छह लाख को पार कर चुका है और कुल संख्या 619407 है। 582462 लोग ठीक हो चुके हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : आठ चरणों में चुनाव से गुजर रहे बंगाल में राजनीतिक रैलियों व रोड शो में भीड़ के साथ ही कोरोना संक्रमण के केस भी हर दिन तेज रफ्तार से बढ़ते दिख रहे हैं। बंगाल में मृत्यु दर भी 1.7 फीसद हो गई है, जो देश में तीसरे नंबर पर है और महाराष्ट्र के बराबर ही है, जबकि पूरे देश में यह आंकड़ा 1.3 फीसद का ही है। इससे पता चलता है कि चुनावी राज्य बंगाल में भी कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है। सोमवार तक राज्य में कोरोना से अब तक मौत का आंकड़ा 10,414 हो चुका है। वहीं, देश में संक्रमण दर के मामले में बंगाल सातवें नंबर पर है। बंगाल में संक्रमण दर 6.5 फीसद है, जबकि पूरे देश में यह आंकड़ा 5.2 फीसद का ही है। वहीं पड़ोसी राज्यों बिहार, झारखंड, असम और ओडिशा से तुलना करें, तो बंगाल में कोरोना मरीजों की तुलना में तेजी से इजाफा देखने को मिला है। कुल संक्रमण दर का आंकड़ा कुल जांच संख्या में संक्रमित पाए गए लोगों के आधार पर निकाला जाता है। बंगाल में अब तक कुल संक्रमितों का आंकड़ा छह लाख को पार कर चुका है और कुल संख्या 6,19,407 है। इनमें से 5,82,462 लोग ठीक हो चुके हैं।
एक हफ्ते से लगातार तीन हजार से ज्यादा केस
पिछले सात दिनों से लगातार बंगाल में हर दिन औसतन 3,040 केस मिल रहे हैं। वहीं बिहार में यह आंकड़ा 2,122, झारखंड में 1,734 और ओडिशा में 981 है। असम की बात करें, तो नए मरीजों का औसत 234 है, जो बंगाल के मुकाबले 10 गुना से ज्यादा कम है। कुल केसों की बात करें, तो बंगाल की महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के मुकाबले अच्छी स्थिति है, लेकिन जिस तरह से नए केसों में इजाफा देखने को मिल रहा है, वह चिंता की बात है। राज्य में एक दिन पहले सोमवार को 4511 नए मामले आए थे और 14 लोगों की मौत हुई थी।
चार चरण के चुनाव अभी हैं बाकी
बता दें कि बंगाल में अब भी चार चरणों का चुनाव बाकी है। 17, 22, 26 और 29 अप्रैल को अभी मतदान होना है। उससे पहले चुनाव प्रचार जोरों पर है। ऐसे में विशेषज्ञ चिंता जता रहे हैं कि राज्य में कोरोना का कहर बढ़ सकता है। रैलियों में बड़े पैमाने पर लोगों के जुटने और आवाजाही के चलते संकट गहरा सकता है। बता दें कि चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है। लेकिन, बावजूद इसके रैलियों में इसकी धज्जियां उड़ रही है।