West Bengal Coronavirus effect: सुंदरवन के बाघों को कोरोना का खतरा नहीं, सावधानी बरतना जरुरी
अमेरिका के एक चिड़ियाघर में एक बाघ को कोरोना संक्रमित पाया गया था जिसके बाद से दुनियाघर में बाघों और अन्य वन्य-जीवों को लेकर चिंता जताई जा रही है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सुंदरवन के बाघों को कोरोना वायरस से खतरा नहीं है, हालांकि सावधानी बरतना जरुरी है। वन्यजीव विशेषज्ञों ने यह बात कही है। ताजा गणना के मुताबिक दक्षिण बंगाल के वनांचल में 88 रॉयल बंगाल टाइगर हैं। गौरतलब है कि अमेरिका के एक चिड़ियाघर में एक बाघ को कोरोना संक्रमित पाया गया था, जिसके बाद से दुनियाघर में बाघों और अन्य वन्य-जीवों को लेकर चिंता जताई जा रही है।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के टाइगर कंजर्वेशन प्रोग्राम के समन्वयक प्रणव चंचानी ने कहा कि अद्वितीय भौगोलिक स्थिति और सुंदरबन टाइगर रिजर्व की स्थलाकृति यहां के बाघों के लिए एक बड़ा फायदा है, जिसके कारण उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा नहीं है, फिर भी सावधानी बरतने में ही बुद्धिमानी है इसलिए चौबीसों घंटे सभी 88 बाघों के व्यवहार पर निगरानी रखी जा रही है।
चंचानी ने आगे कहा-'अवैध शिकार और जलवायु परिवर्तन का खतरा हालांकि बरकरार है।सुंदरवन बायोस्फीयर रिजर्व के संयुक्त निदेशक एस कुलांदीवेल ने बताया-'सुंदरवन की स्थलाकृति को देखते हुए यहां बाघ सुरक्षित हैं। फिर भी हमने सतर्कता बढ़ा दी है क्योंकि हम किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहते। सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं को सील कर दिया गया है। मानवीय गतिविधियां सुंदरवन में दुर्लभ हैं।
कोई भी संकीर्ण जल चैनल के माध्यम से ही सुंदरवन के जंगलों में प्रवेश कर सकता है। आम लोग या वन्यजीव अधिकारी किसी जंगली जानवर के पास नहीं जा रहे, इसलिए सुंदरवन में मनुष्यों द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण का सवाल ही नहीं उठता। फिर भी हम कोई जोखिम नहीं उठा रहे और सुरक्षा को बढ़ाया गया है।बीएसएफ की जल गश्ती इकाई के साथ वन अधिकारियों ने चौकसी कड़ी कर दी है।
पश्चिम बंगाल के प्रधान संरक्षक (वन और वन्यजीव) रविकांत सिन्हा ने बताया कि उनकी टीमें जंगल के विभिन्न हिस्सों में लगाए गए ट्रैप कैमरों से वन्य जीवों की तस्वीरों और विडीओ फुटेज का लगातार विश्लेषण कर रही हैं। वन्य अधिकारियों को किसी भी जंगली जानवर में कोविड -19 के लक्षण दिखने पर उसे पकड़ने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा गया है। सभी वन कर्मियों को सुरक्षात्मक सूट पहनने को भी कहा गया है।राज्य के वन मंत्री राजीव बनर्जी के अनुसार जानवरों के आपातकालीन उपचार के लिए कदम उठाए गए हैं। 10,000 वर्ग किलोमीटर (पश्चिम बंगाल में 4,000 और बांग्लादेश में 6,0000 वर्ग किलोमीटर) में फैले सुंदरवन को 19१87 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।