Bengal: ममता बोलीं, जब तक मैं जिंदा हूं; बंगाल में एनआरसी और सीएए लागू नहीं होने दूंगी

CAA And NRC. ममता ने केंद्र की मोदी सरकार के सबका साथ सबका विकास नारे पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा केवल अपना विकास चाहती है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Mon, 16 Dec 2019 01:25 PM (IST) Updated:Mon, 16 Dec 2019 06:42 PM (IST)
Bengal: ममता बोलीं, जब तक मैं जिंदा हूं; बंगाल में एनआरसी और सीएए लागू नहीं होने दूंगी
Bengal: ममता बोलीं, जब तक मैं जिंदा हूं; बंगाल में एनआरसी और सीएए लागू नहीं होने दूंगी

कोलकाता, जागरण संवाददाता। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के खिलाफ बीते चार दिनों से बंगाल में हिंसक विरोध-प्रदर्शन जारी है। छह जिलों में दूसरे दिन सोमवार को भी इंटरनेट सेवा बंद रखी गई। इस बीच, सोमवार दोपहर राज्य की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी खुद इस कानून के विरोध में सड़क पर उतरीं और जुलूस की अगुआई की। केंद्र सरकार के खिलाफ तल्ख तेवर अख्तियार करते हुए ममता ने सीएए लागू नहीं करने देने का संकल्प दोहराते हुए कहा-'मैं जीते जी बंगाल में एनआरसी और सीएए लागू नहीं होने दूंगी।'

ममता के नेतृत्व में जुलूस की शुरुआत महानगर के धर्मतल्ला स्थित भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास से हुई और जेएल नेहरू रोड, चित्तरंजन एवेन्यू होते हुए जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी में जाकर संपन्न हुआ। जुलूस में हजारों की संख्या में विभिन्न वर्गो के लोग शामिल हुए।

बर्दाश्त नहीं तो कर दो बर्खास्त

जुलूस की समाप्ति पर सभा को संबोधित करते हुए ममता ने कहा-'जब तक मैं जिंदा हूं, एनआरसी और सीएए लागू नहीं होने दूंगी। केंद्र को अपनी सरकार बर्खास्त करने की चुनौती देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा-'आपको बर्दाश्त नहीं हो रहा है तो आप मेरी सरकार बर्खास्त कर दें अथवा मुझे सलाखों के पीछे डाल दें लेकिन मैं यह काला कानूनकभी लागू नहीं होने दूंगी। जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जाता, तब तक संवैधानिक तरीके से हमारा विरोध जारी रहेगा।'

भाजपा से रुपये लेकर अशांति फैला रही बाहरी ताकतें

ममता ने कहा कि राज्य में हिंसा भड़काने के लिए भाजपा ने कुछ लोगों को रुपये दिए हैं। राज्य में बाहर की कुछ ताकतें मुस्लिम समुदाय का मित्र होने का दिखावा कर रही हैं और वे तोड़फोड़ और आगजनी में शामिल हैं। तृणमूल सुप्रीमो ने कार्यकर्ताओं को सावधान करते हुए कहा कि ¨हसा फैलाने वाली ये ताकतें भाजपा के हाथों की कठपुतली हैं। उनके जाल में नहीं फंसें।

अशांति नहीं, लोकतांत्रिक हो विरोध का तरीका

ममता ने कहा-'राज्य में सीएए के खिलाफ विरोध का तरीका लोकतांत्रिक होना चाहिए क्योंकि ¨हसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पोस्ट आफिस, ट्रेन-बस में आग लगाकर सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए। रास्ता रोककर और ट्रेन रोककर भी लोगों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे वे लोग हलकान हो रहे हैं, जो आपके साथ हैं। यह लड़ाई किसी एक धर्म, संप्रदाय, जाति की नहीं है बल्कि पूरे देशवासियों की लड़ाई है।

सबका नहीं, चाहते हैं केवल अपना विकास

ममता ने केंद्र की मोदी सरकार के 'सबका साथ, सबका विकास' नारे पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा केवल अपना विकास चाहती है। वह चाहती है कि यहां केवल वह ही बचे और बाकी सब चले जाएं। यही उसकी राजनीति है।

विरोध में पहले अकेली थी, अब कई आए साथ

ममता ने सीएए के विरोध को जायज ठहराते हुए कहा-'पहले मैं अकेली इसके खिलाफ थी। आज दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि वे भी इसे इजाजत नहीं देंगे। बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि वे एनआरसी को अनुमति नहीं देंगे। मैं उनसे कहना चाहती हूं कि सीएए को भी इजाजत न दें। मध्य प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ और केरल के मुख्यमंत्रियों ने भी यही कहा है। सभी को यही कहना चाहिए।

बंगाल में राष्ट्रपति शासन की दी जा रही धमकी

मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन की धमकी दी जा रही है लेकिन मैं कहना चाहूंगी कि यहां बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआइएसएफ की जरुरत नहीं है। इस राज्य की पुलिस आम जनता के साथ समन्वय स्थापित कर सभी परिस्थितियों को सामान्य करने में सक्षम है।

जामिया में पुलिस की कार्रवाई निंदनीय

ममताने दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया में छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। भाजपा को कानून व्यवस्था पर उपदेश देने से पहले अपने शासन वाले पूर्वोत्तर के राज्यों पर ध्यान देना चाहिए।

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