बंगाल में वाम-कांग्रेस के बीच 193 सीटों के बंटवारे पर फैसला, 92 पर कांग्रेस और 101 सीटों पर लड़ेगा वाममोर्चा
बंगाल में वाममोर्चा और कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सीटों का बंटवारा कर लिया है। दोनों दलों ने मिलकर अब तक कुल 193 सीटों समझौते को अंतिम रूप दे दिया है। इनमें 101 सीटों पर वाममोर्चा के घटक दल और 92 पर कांग्रेस अपना प्रत्याशी उतरेगा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल में वाममोर्चा और कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सीटों का बंटवारा कर लिया है। दोनों दलों ने मिलकर अब तक कुल 193 सीटों समझौते को अंतिम रूप दे दिया है। इनमें 101 सीटों पर वाममोर्चा के घटक दल और 92 पर कांग्रेस अपने प्रत्याशी उतारेंगे। इससे पहले सीट समझौते को लेकर हुई बैठक में 2016 में वाममोर्चा और कांग्रेस ने संयुक्त रूप से 77 सीटें जीती थी। जिसमें 44 सीटें कांग्रेस और 33 सीटें वाममोर्चा के खाते में गई थी। उक्त जीती हुई सीटों पर वाममोर्चा और कांग्रेस अपने-अपने उम्मीवार उतारेंगे यह दूसरे दौरे की बैठक में तय हो गया था। तीसरे दौर की बैठक गुरुवार को हुई।
इसके बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और वाममोर्चा चेयरमैन बिमान बोस ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि दोनों दलों में 193 सीटों पर समझौता हो गया है। इस समझौते के तहत 101 सीटें वाममोर्चा और 92 सीटें कांग्रेस के खाते में गई है। अभी 101 सीटों पर फैसला होना बाकी है। फरवरी में सभी सीटें फाइनल हो जाएंगी और प्रत्याशियों की सूची को भी अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
तीसरी बैठक में 116 सीटों पर फैसला
अधीर रंजन ने कहा कि गुरुवार को हुए फैसले में कुल 116 सीटों का बंटवारा हुआ है। इसमें कांग्रेस को 48 और वाममोर्चा को 68 सीट दी गई है। बताते चलें कि बंगाल में 2016 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 92 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 44 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं वाममोर्चा को सिर्फ 33 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं तृणमूल को 211 सीटें और भाजपा को तीन सीटों पर जीत मिली थी।
28 फरवरी को वाम-कांग्रेस की होगी संयुक्त ब्रिगेड रैली
सीट समझौता फाइनल होने के बाद वाममोर्चा और कांग्रेस ने घोषणा की है कि आगामी माह 28 फरवरी को ब्रिगेड परेड मैदान में संयुक्त रूप से रैली आयोजित की जाएगी। माना जा रहा है कि ब्रिगेड में रैली आयोजित कर वाम-कांग्रेस अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं।
लाल किले पर हिंसा के लिए खुफिया विफलता जिम्मेदारः अधीर
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को दावा किया कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली के लाल किले और अन्य इलाकों में भड़की हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस की खुफिया विफलता जिम्मेदार है। चौधरी ने केंद्र सरकार की मंशा पर संदेह जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने शायद हिंसा टालने के लिए बहुत कुछ नहीं किया, क्योंकि वह स्थिति का फायदा उठाना चाहती थी। यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए चौधरी ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने किसानों को ट्रैक्टर परेड के लिए रास्ते बताए थे। लेकिन कुछ किसानों ने अलग रास्ता ले लिया और उनमें से कुछ लाल किले में घुस गए। यह निश्चित रूप से दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियों की खुफिया विफलता है।
चौधरी ने भाजपा पर आरोप लगाया गया कि उसके खिलाफ उठाए जाने वाले हर मुद्दे को वह राष्ट्र विरोधी, पाकिस्तानी या खालिस्तानी बताती है। बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मुझे लगता है कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर इसे (26 जनवरी की घटना को) होने दिया ताकि वह स्थिति का फायदा उठा सके।