West bengal assembly election:कांग्रेस-वाममोर्चा के लिए अब्बास सिद्दीकी ने बढ़ाई परेशानी
बंगाल में विधानसभा चुनाव करीब आते ही नए सियासी समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं। इस चुनाव में कांग्रेस ने माकपा के नेतृत्व वाले वाममोर्चा के साथ गठबंधन किया है। लेकिन अब इस गठबंधन के लिए परेशानी फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने खड़ी कर दी है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: बंगाल में विधानसभा चुनाव करीब आते ही नए सियासी समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं। इस चुनाव में कांग्रेस ने माकपा के नेतृत्व वाले वाममोर्चा के साथ गठबंधन किया है। लेकिन अब इस गठबंधन के लिए परेशानी फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने खड़ी कर दी है। सिद्दीकी ने कुछ दिन पहले ही अपनी पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट बनाई है और उनके पीछे ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी खड़ा है। सिद्दीकी ने साफ कहा है कि अगर उनकी पार्टी को वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन में शामिल नहीं किया जाता है तो वह राज्य के 60-80 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेंगे।
294 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस और वाममोर्चा गठबंधन ने 230 सीटों का बंटवारा कर लिया है। इस बीच कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर अब्बास सिद्दीकी को भी गठबंधन में शामिल करने की बात कही है। वाममोर्चा चेयरमैन विमान बोस सिद्दीकी को गठबंधन में शामिल होने के पक्ष में है। वहीं कांग्रेस ओवैसी की वजह से दुविधा में है। कहा जा रहा है कि अभी तीनों ही दलों नेताओं के बीच बातचीत चल रही है, लेकिन अगर कोई समाधान नहीं निकला तो इंडियन सेक्युलर फ्रंट दो हफ्तों के अंदर सीटों को लेकर कुछ एलान कर सकता है। बड़ी बात यह है कि ओवैसी के मिलने के बाद ही अब्बास सिद्दीकी ने अपनी पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट बनाई है।