West Bengal Assembly Election 2021: पीएम मोदी को तृणमूल ने दे दिया बड़ा मुद्दा

निर्वाचन आयोग से कहा था कि सुजाता मंडल की टिप्पणियां आदर्श आचार संहिता भारतीय दंड संहिता एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति (उत्पीड़न रोकथाम) अधिनियम का उल्लंघन हैं। वहीं प्रधानमंत्री अपनी चुनावी रैलियों में इस मुद्दे को जोरशोर से उठा रहे हैं और ममता सरकार को दलित विरोधी ठहरा रहे हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 09:15 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 01:35 PM (IST)
West Bengal Assembly Election 2021: पीएम मोदी को तृणमूल ने दे दिया बड़ा मुद्दा
तृणमूल के लिए कहीं कांग्रेस के अय्यर साबित न हो जाए सुजाता

जयकृष्ण वाजपेयी, कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी मौके और मुद्दे को छोड़ते नहीं। यह कई चुनावों में साबित हो चुका है। बंगाल विधानसभा चुनाव के आधे सफर के बाद तृणमूल के ही एक नेता ने पीएम मोदी को एक ऐसा बड़ा मुद्दा हाथ में दे दिया, जिससे निपटना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए आसान नहीं होगा। क्योंकि, पीएम मोदी ने उस मुद्दे को भाजपा के लिए अमोघ अस्त्र बना दिया है। यह मामला अनुसूचित जाति (एससी) से जुड़ा है। जिसे लेकर दो दिन पहले ही तृणमूल के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी एक वायरल ऑडियो में कहा था कि एससी मोदी के साथ है।

दरअसल, तीसरे चरण के मतदान के दिन ही हुगली जिले की आरामबाग सीट से तृणमूल प्रत्याशी सुजात मंडल ने मीडिया से कहा था कि राज्य की अनुसूचित जाति के लोग स्वभाव से भिखारी हैं। ममता बनर्जी ने इतना कुछ किया लेकिन भाजपा कुछ रुपये क्या दे दिए वे उधर हो गए। बस क्या था अब इस बयान को एससी के अपमान से पीएम मोदी ने जोड़ दिया। सोमवार को मोदी ने सूबे में तीन चुनावी सभाओं को संबोधित किया। तीनों सभाओं से इस मुद्दे पर 20 मिनट से अधिक समय तक बोले और तृणमूल और ममता बनर्जी को घेरा। यह ऐसा विषय है जिस पर स्पष्टीकरण देने से काम नहीं होने वाला है। यह बात तृणमूल नेताओं को भी पता है। यहां बताते लें कि इससे पहले कांग्रेस के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री मणिशंकर अय्यर ने दो ऐसे बयान दिए थे कि कांग्रेस की हार की वजहों में शुमार हो गया। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि कहीं सुजाता मंडल भी तृणमूल के लिए कांग्रेस के अय्यर तो साबित नहीं होंगी।

भाजपा ने बनाई बड़े आंदोलन की रणनीति: सुजाता मंडल के इस बयान को अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के खिलाफ अपमान करार देते हुए भाजपा ने बंगाल में व्यापक विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाई है। भाजपा महासचिव दुष्यंत गौतम के नेतृत्व में पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को अनुसूचित जाति आयोग का दरवाजा खटखटाया और एक ज्ञापन सौंपकर सुजाता मंडल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इससे पहले भाजपा नेताओं ने रविवार को इस मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग से भी की थी। निर्वाचन आयोग से कहा था कि सुजाता मंडल की टिप्पणियां आदर्श आचार संहिता, भारतीय दंड संहिता एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति (उत्पीड़न रोकथाम) अधिनियम का उल्लंघन हैं। वहीं प्रधानमंत्री अपनी चुनावी रैलियों में इस मुद्दे को जोरशोर से उठा रहे हैं और ममता सरकार को दलित विरोधी ठहरा रहे हैं।

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