West Bengal Assembly Election 2021: कृष्ण के धाम में गूंज रहा 'जय श्रीराम'
तृणमूल ने अपनी यह सीट बचाने की जिम्मेदारी इस बार बांग्ला फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री कौशिनी मुखर्जी को सौंपी है वहीं कांग्रेस से नरेश चटर्जी मैदान में हैं। कौशिनी को यहां चुनाव प्रचार करते वक्त जय श्रीराम के नारे सुनने को मिल रहे हैं।
विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। कृष्ण के धाम के रूप में परिचित बंगाल के नदिया जिले की शेष नौ विधानसभा सीटों पर भी तृणमूल कांग्रेस के लिए लड़ाई आसान नहीं होने वाली है, विशेषकर कृष्णनगर उत्तर व दक्षिण और चैतन्य महाप्रभु की नगरी नवद्वीप में, जहां उसे भाजपा से कड़ी चुनौती मिल रही है। आलम यह है कि वहां चुनाव प्रचार कर रहे तृणमूल प्रत्याशियों को प्रतिवाद में 'जय श्रीरामÓ के नारे सुनने को मिल रहे हैं। इन सीटों पर छठे चरण के तहत 22 अप्रैल को मतदान होंगे।
2016 में तृणमूल ने जीती थी नौ में से आठ सीटें, फिर भी डगर मुश्किल: 2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल ने इन नौ सीटों (कृष्णनगर उत्तर, कृष्णनगर दक्षिण, नवद्वीप, तेहट्ट, करीमपुर, पलाशीपाड़ा, कालीगंज, नकाशीपाड़ा व चापड़ा) में से आठ पर कब्जा जमाया था। कांग्रेस किसी तरह सिर्फ कालीगंज सीट जीत पाई थी। वामदलों की तो झोली ही खाली रह गई थी, वहीं भाजपा पांच साल पहले तस्वीर में कहीं नहीं थी लेकिन अब वही मुख्य विरोधी दल बनकर उभरी है और सभी सीटों पर तृणमूल को कड़ी टक्कर दे रही है। कृष्णनगर उत्तर सीट पर एक दशक से तृणमूल का कब्जा है। भाजपा ने यहां अपना झंडा लहराने के लिए इस बार अपने दिग्गज नेता मुकुल राय को उतारा है। तृणमूल ने अपनी यह सीट बचाने की जिम्मेदारी इस बार बांग्ला फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री कौशिनी मुखर्जी को सौंपी है, वहीं कांग्रेस से नरेश चटर्जी मैदान में हैं। कौशिनी को यहां चुनाव प्रचार करते वक्त 'जय श्रीराम' के नारे सुनने को मिल रहे हैं, जिसका जवाब वे 'जय बांग्ला' का नारा लगाकर दे रही हैं।
कृष्ïणनगर दक्षिण से तृणमूल के उज्जवल विश्वास की जीत की हैट्रिक रोकने के लिए भाजपा के महादेव सरकार मैदान में हैं। यहां माकपा से सुमित विश्वास ताल ठोक रहे हैं। करीमपुर में 2016 में महुआ मैत्र ने जीत दर्ज की थी। 2019 में उनके सांसद निर्वाचित होने के बाद तृणमूल ने उपचुनाव में विमलेंदु सिन्हा राय को उतारा। वे जीते और इस बार भी मैदान में हैं। भाजपा ने उनका मुकाबला करने समरेंद्रनाथ घोष व माकपा ने प्रभास मजुमदार को खड़ा किया है। तेहट्ट पर भी तृणमूल का कब्जा है। नवद्वीप भी फिलहाल तृणमूल के अधीन है लेकिन यहां भी भाजपा ने अच्छी पैठ बना ली है। इस्कॉन का विश्व प्रसिद्ध मायापुर मंदिर नवद्वीप के दूसरे नदी छोर पर है, जो कृष्ण की नगरी के तौर पर परिचित है।
तृणमूल में पड़ी दरार साबित हो सकती है नुकसानदेय : नदिया जिले में तृणमूल के संगठन में पड़ी दरार उसके लिए नुकसानदेय साबित हो सकती है। सत्ताधारी दल के जिला उपाध्यक्ष रहे पार्थ चक्रवर्ती कुछ समय पहले भाजपा में शामिल हो चुके हैं। कई और ने भी भगवा झंडा थाम लिया है, जिसका चुनाव में व्यापक असर देखने को मिल सकता है। गौरतलब है कि नदिया सूबे का वह जिला है, जहां पिछले विधानसभा चुनाव में जबर्दस्त बहुमत हासिल करने के बावजूद तृणमूल की एक सीट कम हुई थी। 2011 के चुनाव में तृणमूल ने यहां की 17 में से 13 सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि पिछले चुनाव में यहां उसकी सीटों की संख्या घटकर 12 हो गई थी।