West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल में सत्ता में आने पर बांग्ला को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देगी भाजपा

West Bengal Assembly Election 2021 भाजपा ने कहा कि अगर वह सत्ता में आई तो धीरे-धीरे राज्य के वार्षिक ऋण को 20 फीसद से कम कर देगी। उत्तर बंगाल में दो और दक्षिण बंगाल में चार औद्योगिक पार्क की स्थापना करेगी। इसके साथ ही सीएए को लागू किया जाएगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 04:56 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 04:56 PM (IST)
West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल में सत्ता में आने पर बांग्ला को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देगी भाजपा
बंगाल में सत्ता में आने पर बांग्ला को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देगी भाजपा। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal Assembly Election 2021: भाजपा ने कहा कि बंगाल में सत्ता में आने पर वह बांग्ला को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देगी। इसके तहत भाजपा ने बंगाल विधानसभा चुनावों में पार्टी के 88 पन्नों के चुनावी घोषणापत्र में इसका दावा किया है। शास्त्रीय भाषा ऐसी भाषा होती है जिनका कम से कम 1500-2000 वर्ष पुराना इतिहास हो, साहित्य/ग्रंथों व वक्ताओं की प्राचीन परंपरा हो और साहित्यिक परंपरा का उद्भव दूसरी भाषाओं से न हुआ हो। दरअसल, तृणमूल, वाममोर्चा और कांग्रेस लंबे समय से 'बांग्ला और बांग्ला विरोधी' के बैनर तले भाजपा के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के एक वर्ग के अनुसार, भाजपा इसका मुकाबला करने के लिए बांग्ला को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के वादे के साथ चुनाव में उतरना चाहती है। इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से मांग की थी कि बांग्ला को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया जाए। लेकिन केंद्र ने अभी तक उस मांग पर विचार नहीं किया है।

उद्योगों की स्थापना के लिए कृषि भूमि का अधिग्रहण नहीं होगा

पार्टी सूत्रों के अनुसार घोषणापत्र के मसौदे में कृषि, उद्योग, रोजगार, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून और व्यवस्था सहित कई क्षेत्रों में सुधार का वादा किया गया है। हालांकि उद्योग के लिए जमीन लेने की अपनी नीति में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच कोई बड़ा अंतर नहीं है। भाजपा ने मसौदे में कहा है कि अगर राज्य में सत्ता में आती है, तो वह जहां तक ​​संभव हो उद्योगों की स्थापना के लिए कृषि भूमि के अधिग्रहण से बचने की कोशिश करेगी। परती या फैक्ट्री की परित्यक्त भूमि पर उद्योग लगाने का प्रयास किया जाएगा। मसौदे में यह भी बताया गया है कि उद्योग के निर्माण के लिए भूमि के मालिक को पर्याप्त मुआवजा दिया जाएगा और उद्योगपतियों को आकर्षक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

वार्षिक ऋण को 20 फीसद से कम करेगी

भाजपा ने कहा कि अगर वह सत्ता में आई तो धीरे-धीरे राज्य के वार्षिक ऋण को 20 फीसद से कम कर देगी। उत्तर बंगाल में दो और दक्षिण बंगाल में चार औद्योगिक पार्क की स्थापना करेगी। इसके साथ ही सीएए को लागू किया जाएगा। हालांकि शिक्षा पर अपने राजनीतिक विचार थोपने की प्रवृत्ति इस मसौदे में स्पष्ट है। भाजपा ने न केवल राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाने की बात की है, बल्कि उसने मसौदे में छठी से बारहवीं कक्षा के लिए संस्कृत अनिवार्य करने की भी बात की है। साथ ही, यह भी कहा गया है कि इतिहास को संशोधित करके सच्ची राष्ट्रवादी जानकारी को उजागर करके बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय, रवींद्रनाथ टैगोर, श्री रामकृष्ण, अरविंद और श्यामाप्रसाद मुखर्जी जैसे व्यक्तित्वों को अध्ययन के साथ महत्व दिया जाएगा।

मसौदा में कुछ बदलावों के साथ अंतिम घोषणा पत्र जारी होगा

चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने के लिए भाजपा पिछले कुछ महीनों से विभिन्न तरीकों से जनता की राय ले रही है। राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता, श्यामाप्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक अनिर्बान गंगोपाध्याय, पार्टी के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के संयोजक रंतिदेव सेनगुप्ता ने उद्योग, वित्त, स्वास्थ्य, स्वास्थ्य, आदि के विशेषज्ञों से परामर्श किया है। भाजपा ने पार्टी के सांसद सुभाष सरकार की अध्यक्षता में एक घोषणापत्र समिति भी बनाई है। पिछले गुरुवार से भाजपा कार्यकर्ताओं ने 294 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में एक एलईडी रथ को चुनावी घोषणा पत्र के लिए जनता की राय लेने के लिए निकाला है। उन रथों में मतपेटियां हैं। हालांकि भाजपा ने जनता की राय लेने से पहले ही घोषणापत्र का मसौदा तैयार किया है। भाजपा के अखिल भारतीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव ने मसौदे को लेकर रविवार को घोषणा पत्र समिति के साथ बैठक की। पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा नेतृत्व मसौदा में कुछ बदलावों के साथ अंतिम घोषणा पत्र जारी करेगा। 

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