West Bengal: जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद बाबुल सुप्रियो ने बदला फैसला, बोले-बना रहूंगा सांसद, नहीं छोड़ रहा भाजपा

पिछले दिनों राजनीति से संन्यास की घोषणा करने वाले भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने सोमवार को कहा कि वह अब भी सांसद बने रहेंगे। वह अपने संवैधानिक कर्तव्य के तौर पर संसदीय क्षेत्र में काम करना जारी रखेंगे।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:56 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 09:56 PM (IST)
West Bengal: जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद बाबुल सुप्रियो ने बदला फैसला, बोले-बना रहूंगा सांसद, नहीं छोड़ रहा भाजपा
जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद बाबुल सुप्रियो ने बदला फैसला

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : पिछले दिनों राजनीति से संन्यास की घोषणा करने वाले भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने सोमवार को कहा कि वह अब भी सांसद बने रहेंगे। वह अपने संवैधानिक कर्तव्य के तौर पर संसदीय क्षेत्र में काम करना जारी रखेंगे। लेकिन राजनीति नहीं करेंगे। बाबुल सुप्रियो का यह बयान सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक के बाद सामने आया। माना जा रहा है कि जेपी नड्डा ने उन्हें राजनीति से संन्यास लेने के फैसले को वापस लेने का अनुरोध किया है।

बैठक के बाद बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि वह कोई दूसरी पार्टी में शामिल नहीं होने जा रहे हैं। बता दें कि भाजपा नेता की राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा के बाद उनके तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थीं। जिस पर उन्होंने विराम लगा दिया। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में सांसद के तौर पर मिला बंगला वापस कर देंगे और जल्द ही अपने सुरक्षाकर्मियों को भी उनकी ड्यूटी से मुक्त कर देंगे।

गौरतलब है कि बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को राजनीति से ही संन्यास लेने का एलान किया था। उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट में अपने 'मन की बात साझा करते हुए लिखा था कि अलविदा! राजनीति में सिर्फ समाजसेवा के लिए आए थे। अब उन्होंने अपनी राह बदलने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में रहने की ही जरूरत नहीं है। वे राजनीति से अलग होकर भी अपने इस उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं।

इधर, बाबुल के राजनीति छोड़ने के इस कदम को तृणमूल ने भाजपा के अंदर का ड्रामा करार दिया था। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा था कि ये बात किसी से नहीं छिपी है कि मंत्री पद से हटाने के बाद भाजपा ने बाबुल को तवज्जो नहीं दिया था। वहीं बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने बाबुल के इस्तीफे पर कहा कि किसे राजनीति में रहना है और किसे जाना है, ये एक निजी फैसला है।

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