Violence in Bengal: मानवाधिकार आयोग की टीम ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों की सुनीं शिकायतें
आयोग की टीम में शामिल सदस्यों ने अलग-अलग हिस्से में बंटकर इस दिन मालदा व नदिया जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। टीम के सदस्यों ने शिकायतों की पड़ताल के लिए विभिन्न गांवों में जाकर स्थिति का आकलन किया और पीड़ित परिवारों की शिकायतें सुनीं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा की जांच के लिए गठित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम ने बुधवार को लगातार दूसरे दिन हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। जानकारी के मुताबिक, आयोग की टीम में शामिल सदस्यों ने अलग-अलग हिस्से में बंटकर इस दिन मालदा व नदिया जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
टीम के सदस्यों ने शिकायतों की पड़ताल के लिए विभिन्न गांवों में जाकर स्थिति का आकलन किया और पीड़ित परिवारों की शिकायतें सुनीं। मालदा के गाजोल थाना क्षेत्र के रानीगंज दो नंबर ग्राम पंचायत में टीम ने हिंसा प्रभावित परिवारों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना।
'बोलने से लोग डर रहे हैं'
यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए आयोग के सदस्य आतिफ रशीद ने कहा कि जिन लोगों ने हमारे पास शिकायत की थी उनके घर जाकर हम लोगों ने मुलाकात कर जानकारी हासिल की। उन्होंने कहा कि यहां के लोग आतंकित हैं और कुछ बोलने से डर रहे हैं। पीड़ितों का कहना था कि आप लोगों के जाने के बाद कहीं हम लोगों पर पंचायत के लोग हमला न कर दें। उन्होंने कहा कि यहां पर आने से पता चला कि महिलाओं के साथ भी अत्याचार हुआ है। लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की और अत्याचार के बावजूद मूकदर्शक बनी रही। बता दें कि एक दिन पहले टीम ने मुर्शिदाबाद जिले का दौरा किया था।
गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने हाल में एनएचआरसी जांच की अवधि को 13 जुलाई तक बढ़ा दिया है। इसके बाद टीम ने मंगलवार से नए सिरे से हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा शुरू किया है। हाई कोर्ट के निर्देश पर आयोग की टीम हिंसा के दौरान मानवाधिकार उल्लंघनों की शिकायतों की जांच कर रही है।