Violence in Bengal: बंगाल के राज्यपाल की हिंसा प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा असंवैधानिक, तृणमूल ने की कड़ी आलोचना

बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा चुनाव नतीजों के बाद हुई हिंसा से प्रभावित कुचबिहार जिले के विभिन्न स्थानों का गुरुवार को दौरा करने के कदम की कड़ी आलोचना करते हुए इसे असंवैधानिक बताया है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 07:21 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 09:18 PM (IST)
Violence in Bengal: बंगाल के राज्यपाल की हिंसा प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा असंवैधानिक, तृणमूल ने की कड़ी आलोचना
राज्य सरकार व मुख्यमंत्री की सलाह की अनदेखी करते हुए राज्यपाल ने दौरा किया

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा चुनाव नतीजों के बाद हुई हिंसा से प्रभावित कूचबिहार जिले के विभिन्न स्थानों का गुरुवार को दौरा करने के कदम की कड़ी आलोचना करते हुए इसे असंवैधानिक बताया है। पार्टी ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने राज्य सरकार व मुख्यमंत्री की सलाह की अनदेखी करते हुए कूचबिहार में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।

दरअसल, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को धनखड़ को पत्र लिखकर दावा किया था कि  कूचबिहार जाने का उनका फैसला "कई दशकों से चली आ रही लंबी परंपरा व मानदंडों का उल्लंघन है" और उन्होंने राज्यपाल से इस दौरे पर जाने से परहेज करने का आग्रह किया था। इसके बाद राज्यपाल ने अपने जवाब में कहा कि वह संविधान द्वारा अनिवार्य कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं और कूचबिहार की उनकी यात्रा चुनाव के बाद की हिंसा से पीड़ित लोगों के दर्द और पीड़ा को साझा करने के लिए है। वहीं, तृणमूल के वरिष्ठ सांसद और प्रवक्ता सौगत राय ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "उन्होंने (धनखड़) राज्य सरकार की बात नहीं मानी और कूचबिहार चले गए। वह भाजपा नेता के साथ गए थे। उनका आचरण असंवैधानिक है।"

दरअसल, कूचबिहार से भाजपा सांसद निशिथ प्रमाणिक भी धनखड़ के साथ जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों की यात्रा के दौरान थे। तृणमूल सांसद ने कहा,  "पहले हमने इस राज्यपाल के खिलाफ राष्ट्रपति को पत्र लिखा था। यदि सीएम कहती हैं, तो हम उनके खिलाफ एक और पत्र राष्ट्रपति को भेजेंगे।" तृणमूल के कई सांसदों ने पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बंगाल के राज्यपाल के पद से जगदीप धनखड़ को हटाने के लिए पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक रूप से राज्य प्रशासन के खिलाफ नियमित रूप से टिप्पणी करके "संवैधानिक सीमाओं का उल्लंघन" करने का आरोप लगाया था।

इधर, पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता और मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने भी दावा किया कि धनखड़ का आचरण राज्यपाल के प्रति असंतुलित है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल चुनाव के बाद की कुछ घटनाओं पर राजनीति कर रहे हैं, जिसके लिए राज्य सरकार ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। वह तब राजनीति कर रहे हैं जब राज्य महामारी से लड़ने में व्यस्त है। हम चाहते हैं कि राज्यपाल और राज्य सरकार कोविड से लड़ने के लिए मिलकर काम करें।इसके अलावा तृणमूल की लोकसभा सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने भी ट्विटर के माध्यम से राज्यपाल पर निशाना साधा और कहा कि यह समय राजनीति करने की नहीं है।

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