यूट्यूब के माध्यम से पहली बार आयोजित हुई ऑनलाइन काव्य पाठ प्रतियोगिता में 'विजय' रहे प्रथम

कोरोना काल में ऑनलाइन माध्यम से आयोजित इस तरह के साहित्यिक आयोजन को खूब सराहा गया और हजारों की संख्या में देशभर के साहित्य प्रेमियों ने इस प्रतियोगिता का आनंद उठाया। साथ ही इसमें अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई।

By Priti JhaEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 03:52 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 03:52 PM (IST)
यूट्यूब के माध्यम से पहली बार आयोजित हुई ऑनलाइन काव्य पाठ प्रतियोगिता में 'विजय' रहे प्रथम
काव्य पाठ प्रतियोगिता में शामिल कविगण व विशिष्ट अतिथि।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। साहित्यिक संस्था 'कलम की खनक' की ओर से पिछले तीन महीनों से अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित की जा रही ऑनलाइन काव्य पाठ प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा के साथ इसका समापन हो गया। देश में संभवतः पहली बार यूट्यूब के माध्यम से आयोजित इस ऑनलाइन काव्य पाठ प्रतियोगिता में देशभर से 100 से अधिक कवियों/कवियत्रियों ने हिस्सा लिया।

प्रतियोगिता के विजेताओं का निर्णय दर्शक/श्रोताओं के व्यूज, लाइक और कमेंट के आधार पर तय किया गया, जिसमें युवा व नवोदित कवि विजय कुमार यादव ने बाजी मारते हुए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर प्रथम स्थान पर रहे। असम के मालीगांव, गुवाहाटी स्थित पूर्वी सीमांत रेलवे मुख्यालय में कार्यरत विजय की देशभक्ति से ओतप्रोत कविता "आओ भारतवासी मिलकर देश का नाम निर्माण करें", को खूब पसंद किया गया और देशभर से 5,000 लोगों ने इसपर अपना लाइक, कमेंट और व्यूज किया, जिसके आधार पर उन्हें ओवरऑल विजेता घोषित किया गया।ज्ञातव्य है कि मूलत: बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले श्री यादव, कलम की खनक मंच द्वारा आयोजित काव्य पाठ प्रतियोगिता के प्रथम चरण के भी विजेता थे और उन्होंने पार्ट वन और पार्ट टू दोनों को मिलाकर यह ओवरऑल प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त किया।

कोरोना काल में ऑनलाइन माध्यम से आयोजित इस तरह के साहित्यिक आयोजन को खूब सराहा गया और हजारों की संख्या में देशभर के साहित्य प्रेमियों ने इस प्रतियोगिता का आनंद उठाया। साथ ही इसमें अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। प्रतियोगिता की ओवरऑल रनर अप छत्तीसगढ़ की नीता गुप्ता रहीं, जिनके काव्य पाठ का विषय "सास बहू "थी, को भी लोगों ने काफी सराहा और 4,000 से अधिक लोगों ने लाइक्स, व्यूज़ और कमेंट कर रनर अप बनाया।

इस प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार व कवि एवं पूर्वोत्तर में हिंदी साहित्य के इतिहास को करीब से जानने वाले पंकज मिश्र "अटल" ने की। समापन अवसर पर देश के विभिन्न शहरों के प्रतिभागी कवियों को लेकर काव्य गोष्ठी भी आयोजित की गई, जिसमें प्रोफेसर डॉ शरद नारायण खरे (मध्य प्रदेश), राजकुमारी शर्मा (राजस्थान), विजय कुमार यादव (गुवाहाटी) आदि ने जूम ऐप के माध्यम से इसमें हिस्सा लिया।धन्यवाद ज्ञापन आसनसोल, बंगाल से संस्था की सचिव संगीत विद्या ने किया।

कलम की खनक की संस्थापक एवं संयोजिका कनक लता जैन ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और उनके उज्जवल साहित्यिक भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन आगे भी हम करते रहेंगे, ताकि पूर्वोत्तर में राजभाषा हिंदी का प्रचार प्रसार होता रहे और लोगों के बीच हिंदी और भी अधिक लोकप्रिय हो। 

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