कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य संबंधित आधारभूत संरचना बढ़ा रही बंगाल सरकार

बंगाल सरकार कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य संबंधित आधारभूत संरचना बढ़ा रही है। कोरोना की दूसरी लहर से सबक लेते हुए यह कदम उठाया जा रहा है। राज्य के अस्पतालों में कोरोना बेडों की संख्या कम कर दी गई थी।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 08:39 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 08:39 PM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य संबंधित आधारभूत संरचना बढ़ा रही बंगाल सरकार
इस बार कोविड बेडों की संख्या नहीं घटाई जा रही

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल सरकार कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य संबंधित आधारभूत संरचना बढ़ा रही है। कोरोना की दूसरी लहर से सबक लेते हुए यह कदम उठाया जा रहा है। गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर का असर कम होने पर राज्य के अस्पतालों में कोरोना बेडों की संख्या कम कर दी गई थी। गत 14 मई को जब कोरोना के दैनिक मामले बढ़कर 20,486 तक पहुंच गए थे, तो अस्पतालों में 40 फीसद से ज्यादा बेड भर गए थे। अब मामले घटने के बाद अस्पतालों में बेड भी खाली होने लगे हैं।

वर्तमान में सिर्फ 5.4 फीसद बेड भरे हुए हैं लेकिन तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इस बार बेडों की संख्या नहीं घटाई जा रही है। यह वर्तमान में 23,947 है। राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि इन्हें बच्चों और माताओं के लिए और बढ़ाया जाएगा। बेलियाघाटा आइडी अस्पताल में दूसरी लहर के दौरान बेडों की संख्या बढ़ाकर 315 कर दी गई थी। दूसरी लहर के दौरान ये सभी बेड मरीजों से भरे हुए थे।

वर्तमान में वहां केवल 21 मरीज हैं। अस्पताल की प्रिंसिपल अनिमा हालदार ने कहा कि कोरोना के मरीजों में गिरावट दर्ज हुई है लेकिन हम कोविड बेड को बरकरार रख रहे हैं। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बेडों की संख्या और बढ़ाने की भी तैयारी है। वहीं एमआर बांगुर अस्पताल के सुपरिटेंडेंट शिशिर नस्कर ने कहा कि स्वास्थ्य भवन से निर्देश पर अस्पताल में कोरोना बेडों की संख्या बढ़ाकर 713 की गई है ताकि तीसरी लहर से निपटने की तैयारी की जा सके। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि तीसरी लहर के समय बेडों की कमी का जोखिम नहीं उठाया जा सकता जैसा कि दूसरी लहर के समय देखने को मिला था।

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