West Bengal: लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने के लिए अनोखी पहल

पर्यावरण संरक्षण रीसाइक्लिंग और ई-कचरा प्रबंधन के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए हुल्लाडेक रीसाइक्लिंग ने कोलकाता सहित अन्य शहरों में रीसायकल के बदले उपहार अभियान शुरू किया लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने के लिए अनोखी पहल

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 08:28 AM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 11:54 AM (IST)
West Bengal: लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने के लिए अनोखी पहल
पर्यावरण संरक्षण, रीसाइक्लिंग और ई-कचरा प्रबंधन के प्रति जागरूकता

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के दोबारा उपयोग के लिए, कोलकाता स्थित ई-वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी हुल्लाडेक रीसाइक्लिंग ने एक अनोखी पहल शुरू की है। पर्यावरण संरक्षण, रीसाइक्लिंग और ई-कचरा प्रबंधन के प्रति लोगों को आकर्षित करने और जागरूकता पैदा करने के लिए हुल्लाडेक रीसाइक्लिंग ने कोलकाता सहित अन्य शहरों में ‘रिवार्ड्स टू रीसायकल योर ई-वेस्ट’ यानी 'रीसायकल के बदले उपहार' अभियान शुरू किया है।

अभियान के तहत लोग यदि अपने अपशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक सामान को देते है तो इसके बदले उन्हें उपहार दिया जायेगा साथ ही उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा। इससे न केवल लोग अपने बेकार या अपशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक सामान को रीसायकल के लिए दे रहे हैं बल्कि इसके बदले उन्हें पर्यावरण संरक्षण, रीसाइक्लिंग और ई-कचरा प्रबंधन के बारे में बताया जा रहा है साथ ही उपहार और पुरष्कार भी मिल रहा है।

 पर्यावरण संरक्षण का महत्त्व पता चल रहा है

ई-कचरे के निपटान के बारे में बात करते हुए, हुल्लाडेक रिसाइकलिंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नंदन मल ने कहा कि जब लोग अपने साथ ई-अपशिष्ट उत्पादों का पिकअप शेड्यूल करते हैं, या सीधे अपने ई-कचरे को देने के लिए जाते हैं, तो बदले में, वे विभिन्न उत्पादों पर ऑफर का लाभ उठा सकते हैं या ई-वेस्ट सामग्री के लिए उपहार के साथ पुरस्कृत भी किये जा सकते हैं। इससे लोगों में पर्यावरण संरक्षण का महत्त्व पता चल रहा है और उसके प्रति जिम्मेदारी की भावना बन रही है।

ई-अपशिष्ट उत्पादों के हानिकारक प्रभावों पर चर्चा होनी चाहिए

नंदन मल ने कहा कि ई-अपशिष्ट उत्पादों के हानिकारक प्रभावों पर चर्चा होनी चाहिए। हमारी मिट्टी में और पानी की आपूर्ति में खतरनाक पदार्थों के दूषित होने से हमारे स्वास्थ्य को नुकसान हुआ है। एसिड से सामग्री जलाना और कांच, प्लास्टिक और धातु के घटकों से छुटकारा पाने का एक बहुत ही सामान्य तरीका है, जिसके परिणाम स्वरूप न केवल वायु प्रदूषण होता है, बल्कि पुनरावर्तनीय सामग्रियों का अपव्यय होता है और हमारे कार्बन पदचिह्न में वृद्धि होती है। 

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