भाजपा की निगरानी में असम-मिजोरम सीमा संघर्ष जैसी घटनाएं लोकतंत्र की मौत का आमंत्रण: तृणमूल
असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के सोमवार को अचानक खूनी संघर्ष में तब्दील हो जाने से राज्य की “संवैधानिक सीमा” की सुरक्षा कर रहे असम पुलिस के कम से कम पांच जवानों की मौत 60 अन्य घायल हो गए।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी ने असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर हुए संघर्ष में कम से कम पांच पुलिसकर्मियों की मौत होने और 60 अन्य लोगों के घायल होने की घटना पर हैरानी जताते हुए मंगलवार को भाजपा व केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा की निगरानी में लगातार इस प्रकार की घटनाओं ने भारत में लोकतंत्र की मौत को आमंत्रित किया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे व तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक ने ट्वीट किया, ‘‘मैं असम-मिजोरम सीमा पर हुई निर्मम हिंसा का समाचार सुनकर स्तब्ध हूं। मैं शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। भाजपा की निगरानी में लगातार इस प्रकार की घटनाओं ने भारत में लोकतंत्र की मौत को आमंत्रित किया है।’’
उल्लेखनीय है कि असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के सोमवार को अचानक खूनी संघर्ष में तब्दील हो जाने से राज्य की “संवैधानिक सीमा” की सुरक्षा कर रहे असम पुलिस के कम से कम पांच जवानों की मौत हो गई और एक पुलिस अधीक्षक समेत 60 अन्य घायल हो गए।
इस घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों क्रमशः हिमंत बिस्वा सरमा और जोरमथंगा से बात की और उनसे विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने और सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने का आग्रह किया है। इस हिंसक घटना के बाद इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तैनाती कर दी गई है। घटना के बाद से दोनों राज्यों के बीच तनाव का माहौल है।