कोलकाता नगर निगम चुनाव के लिए तृणमूल ने उम्मीदवारों की सूची जारी की, ममता ने 39 पार्षदों को नहीं दिया टिकट

कोलकाता के पूर्व मेयर फिरहाद हकीम सहित छह विधायकों को टिकट दिया गया है। इनमें पूर्व मेयर परिषद सदस्य देबाशीष कुमार देवव्रत मजूमदार और पूर्व उप मेयर परिषद सदस्य अतिन घोष शामिल हैं। ऐसी अटकलें थीं कि उन्हें एक व्यक्ति एक पद की नीति के तहत टिकट नहीं दिया जाएगा।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 08:44 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 11:31 PM (IST)
कोलकाता नगर निगम चुनाव के लिए तृणमूल ने उम्मीदवारों की सूची जारी की, ममता ने 39 पार्षदों को नहीं दिया टिकट
कोलकाता नगर निगम चुनाव के लिए तृणमूल ने उम्मीदवारों की सूची जारी की

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार शाम को कोलकाता नगर निगम चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की। पार्टी नेत्री ममता बनर्जी, तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए कालीघाट में ममता के घर पर बैठक की। टीएमसी ने कोलकाता निकाय चुनाव में 39 पार्षदों को टिकट नहीं दिया। किन कोलकाता के पूर्व मेयर फिरहाद हकीम सहित छह विधायकों को टिकट दिया गया है। इनमें पूर्व मेयर परिषद सदस्य देबाशीष कुमार, देवव्रत मजूमदार और पूर्व उप मेयर परिषद सदस्य अतिन घोष शामिल हैं। ऐसी अटकलें थीं कि उन्हें एक व्यक्ति, एक पद की नीति के तहत टिकट नहीं दिया जाएगा।

हालांकि, पूरा मामला पार्टी नेत्री ममता बनर्जी की मंजूरी के अधीन था। ममता ने फिर से अपने पुराने लड़ाके साथियों को चुना है। दरअसल, उम्मीदवारों की सूची में अंतिम समय में बदलाव के कारण उम्मीदवारों की मुद्रित सूची के प्रकाशन में थोड़ी देरी हुई। उम्मीदवारों की पूरी सूची प्राप्त करने के लिए मीडिया को लंबा इंतजार करना पड़ा।

बाबुल सुप्रियो उम्मीदवारों की सूची में नहीं

पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो उम्मीदवारों की सूची में नहीं हैं क्योंकि फिरहाद को टिकट मिला है। ऐसी अटकलें थीं कि तृणमूल बाबुल को संभावित मेयर के रूप में मैदान में उतारेगी। हालांकि उम्मीदवारों की सूची में बाबुल का नाम नहीं होने के कारण फिर से अगले मेयर के रूप में फिरहाद के नाम को लेकर अटकलें शुरू हो गईं हैं। लेकिन तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि इस बारे में वोट के बाद पार्षद बैठ कर फैसला लेंगे। अभी कुछ नहीं किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बार पार्टी की अंदरूनी राजनीति की वजह से ऐसा हुआ है।

फिरहाद खुद चुनाव के लिए खड़े होने में अधिक रुचि रखते थे। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने पार्टी से कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह मंत्रालय छोड़ देंगे। लेकिन उन्हें निकाय चुनाव में टिकट दिया जाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पार्टी नेता ममता बनर्जी के अंतिम क्षणों में हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप फिरहाद और अन्य पुराने वफादारों को चुनाव पूर्व टिकट मिल गया। माना जाता है कि पार्टी पर ममता का प्रभाव अभी भी पूर्ण है।

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