राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार में जुटी तृणमूल की नजर अब उत्तर प्रदेश पर, प्रशांत किशोर कई क्षुब्ध कांग्रेस नेताओं के संपर्क में

ममता बनर्जी की अगुआई वाली तृणमूल कांग्रेस बंगाल विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जबरदस्त बहुमत हासिल करने के बाद से राष्ट्रीय स्तर पर अपने विस्तार में जुटी हुई है। असम त्रिपुरा व गोवा के बाद अब पार्टी की नजर उत्तर प्रदेश पर है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 08:55 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 08:55 PM (IST)
राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार में जुटी तृणमूल की नजर अब उत्तर प्रदेश पर, प्रशांत किशोर कई क्षुब्ध कांग्रेस नेताओं के संपर्क में
राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार में जुटी तृणमूल की नजर अब उत्तर प्रदेश पर

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : ममता बनर्जी की अगुआई वाली तृणमूल कांग्रेस बंगाल विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जबरदस्त बहुमत हासिल करने के बाद से राष्ट्रीय स्तर पर अपने विस्तार में जुटी हुई है। असम, त्रिपुरा व गोवा के बाद अब पार्टी की नजर उत्तर प्रदेश पर है। यहां भी वह कांग्रेस में सेंधमारी की रणनीति पर ही चल रही है। तृणमूल के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं। सूत्रों से पता चला है कि पीके उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के कई क्षुब्ध नेताओं के संपर्क में हैं। इस फेहरिस्त में ललितेशपति त्रिपाठी का नाम भी शामिल है, जिन्होंने पिछले महीने ही काग्रेस छोड़ी है।

ललितेशपति सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के परपोते हैं। वे पूर्व विधायक के साथ-साथ उत्तर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी माने जाते थे। पहले उनके समाजवादी पार्टी में शामिल होने की अटकलें थीं लेकिन अब खबर है कि वे पीके का हाथ पकड़कर जल्द तृणमूल के खेमे में जा सकते हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि वह बुधवार को ही तृणमूल का झंडा थाम सकते हैं। तृणमूल के बंगाल महासचिव कुणाल घोष से इसकी पुष्टि करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। ललितेशपति ने इसे लेकर अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उन्होंने इतना ही कहा है कि वह जहां भी जाएंगे, नई कांग्रेस बनाएंगे।

कयास है कि तृणमूल ललितेशपति को उत्तर प्रदेश में पार्टी का राज्य अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है। ललितेशपति ने 2012 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा व जीता था। 2019 में कांग्रेस ने उन्हें लोकसभा चुनाव में भी प्रत्याशी बनाया था, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

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भाजपा से कांग्रेस की 'सुपारी' लेती है तृणमूल : अधीर

बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इसपर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि जहां भी कांग्रेस और भाजपा में सीधी लड़ाई होती है, वहां तृणमूल भाजपा से 'सुपारी' लेकर कांग्रेस को तोड़ने में जुट जाती है।

अधीर ने पिछले दिनों हुई कांग्रेस की कार्यकारी समिति की बैठक में कहा कि तृणमूल खुद को 'असली कांग्रेस' के रूप में स्थापित करने की कोशिशों में लगी हुई है इसलिए कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रही है।

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