परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा- अतिरिक्त किराया लेने का आरोप लगने पर निजी बस मालिकों के खिलाफ होगी कार्रवाई

परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने दी कड़ी चेतावनी कहा कि जरूरत पड़ने पर बस का परमिट भी रद किया जा सकता है।यदि आवश्यक हुआ तो परमिट रद किया जा सकता है लेकिन यात्रियों को केवल मौखिक रूप से नहीं कहना चाहिए बल्कि सबूतों के साथ शिकायत भी दर्ज करानी चाहिए।

By Priti JhaEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 03:16 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 03:16 PM (IST)
परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा- अतिरिक्त किराया लेने का आरोप लगने पर निजी बस मालिकों के खिलाफ होगी कार्रवाई
बंगाल राज्य के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। अतिरिक्त किराया लेने का आरोप लगने पर निजी बस मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ने पर बस का परमिट भी रद किया जा सकता है। राज्य के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने कड़ी चेतावनी देते हुए यह बात कही।

पत्रकारों के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा-'अगर कोई यात्री सबूत के साथ पुलिस या परिवहन विभाग के पास जाता है और अधिक बस किराया लिए जाने की शिकायत करता है तो कार्रवाई की जाएगी। यदि आवश्यक हुआ तो परमिट रद किया जा सकता है लेकिन यात्रियों को केवल मौखिक रूप से नहीं कहना चाहिए, बल्कि सबूतों के साथ शिकायत भी दर्ज करानी चाहिए।

गौरतलब है कि बस मालिक संगठन ईंधन की बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुए लंबे समय से किराए में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं लेकिन राज्य सरकार ने आम आदमी की परेशानी को देखते हुए बस का किराया नहीं बढ़ाया। पहले तो उन्होंने बस चलाने से मना कर दिया लेकिन बाद में सड़क पर बसों को उतारा लेकिन अधिकांश रूटों पर वे अतिरिक्त किराया लेने लगे।

परिवहन मंत्री ने कहा था कि सरकार द्वारा निर्धारित किराए से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकता है लेकिन कुछ रूटों पर अभी भी बिना सुने जैसा चाहे किराया लिया जा रहा है। न्यूनतम किराया आठ रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है। किसी-किसी रूट पर 15 से 20 रुपये किराया भी लिया जा रहा है।

इससे मध्यम वर्ग के लोगों को काफीपरेशानी हो रही है। कुछ बस मालिकों ने किराए के नए टिकट भी छापे हैं, जो नियमों के विरुद्ध है। सड़क पर निजी बसें कम हैं। काफी देर तक खड़े रहने के बाद एक बस मिल रही है इसलिए मनमाना किराया लिया जा रहा है। कोरोना काल में लोगों की आय कम हुई है। कइयों के पास नौकरी नहीं है। ऐसे में किराया बढ़ने से परेशानी बढ़ गई है। बस मालिकों का दावा है कि वे इसे 'अनुदान' के तौर पर ले रहे हैं क्योंकि जिस तरह से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं, ऐसे में बिना किराया बढ़ाए बस का सड़क पर उतरना संभव नहीं है। 

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