बंगाल की भाजपा नेता भारती घोष की याचिका पर 28 मई को सुनवाई करेगी शीर्ष अदालत

घाेष ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले की देबरा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था और हार गईं। उन्हें पूर्व आइपीएस अधिकारी तथा तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार हुमायूं कबीर ने हराया। जेठमलानी ने घोष की ओर से कहा कि वह एक सम्मानित आइपीएस अधिकारी रही हैं।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:51 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 06:51 PM (IST)
बंगाल की भाजपा नेता भारती घोष की याचिका पर 28 मई को सुनवाई करेगी शीर्ष अदालत
अवकाशकालीन पीठ ने कहा, ‘‘हम इस पर 28 मई यानी अगले शुक्रवार को सुनवाई करेंगे।

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : उच्चतम न्यायालय ने पूर्व आईपीएस अधिकारी और बंगाल भाजपा की नेता भारती घोष की याचिका पर 28 मई को सुनवाई करने की सहमति जताई है, जिन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तारी से विधानसभा चुनाव संपन्न होने तक संरक्षण प्रदान किया गया था। घोष ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले की देबरा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था और हार गईं। उन्हें पूर्व आइपीएस अधिकारी तथा तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार हुमायूं कबीर ने हराया। 

विस चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने के साथ समाप्त हो गया था संरक्षण

घोष ने वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी के माध्यम से अपने लंबित मामले में सुनवाई की मांग की। बंगाल की एक स्थानीय अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के खिलाफ उन्हें दिया गया संरक्षण दो मई को विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होने के साथ समाप्त हो गया था। 

एक सम्मानित आइपीएस अधिकारी रही अब चल रहे 12 मामले 

जेठमलानी ने जब याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया तो सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विनीत सरण और न्यायमूर्ति बी आर गवई की अवकाशकालीन पीठ ने कहा, ‘‘हम इस पर 28 मई यानी अगले शुक्रवार को सुनवाई करेंगे।’’ जेठमलानी ने घोष की ओर से कहा कि वह एक सम्मानित आइपीएस अधिकारी रही हैं और अब उन पर 12 मामले चल रहे हैं। 

घोष के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाई जाए 

सीआइएसएफ की सुरक्षा प्राप्त होने के बावजूद उन पर हमला हुआ। शीर्ष अदालत ने नौ मार्च को कहा था कि घोष के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाई जाए और उन पर कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाए।

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