Bengal Politics: विधानसभा सत्र में राज्यपाल के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी टीएमसी!

विधानसभा से प्रस्ताव पास कर राज्यपाल को हटाने की मांग करेगी टीएमसी राज्यपाल के रवैए पर सदन के अंदर हो सकती है चर्चा हाल में राज्यपाल ने चार दिवसीय दिल्ली का भी दौरा किया था और इस दौरान दो- दो बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी

By Priti JhaEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 02:04 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 02:04 PM (IST)
Bengal Politics: विधानसभा सत्र में राज्यपाल के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी टीएमसी!
प्रस्ताव पास कर राज्यपाल को हटाने की मांग करेगी टीएमसी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में राजभवन और ममता सरकार के बीच टकराव और बढ़ सकता है। प्रचंड जीत के साथ बंगाल की सत्ता में लगातार तीसरी बार लौटीं ममता बनर्जी अब राज्यपाल जगदीप धनखड़ के खिलाफ आरपार के मूड में नजर आ रही हैं। सूत्रों से खबर है कि दो जुलाई से शुरू हो रहे बंगाल विधानसभा के सत्र के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) राज्यपाल के खिलाफ प्रस्ताव ला सकती है और केंद्र से उन्हें हटाने की मांग करेगी। धनखड़ के खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी खुद मुख्यमंत्री कर रही हैं। बीते दिनों उन्होंने विधानसभा के स्पीकर से भी मुलाकात की थी और इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी।

बताया जा रहा है कि राज्यपाल के खिलाफ प्रस्ताव पर टीएमसी सदन के अंदर चर्चा कर सकती है और उन्हें हटाने की मांग पर प्रस्ताव पास कर इसे केंद्र के पास भेजेगी। हाल में ममता ने यह भी कहा था कि वह धनखड़ को हटाने के लिए अब तक केंद्र को तीन बार पत्र भी लिख चुकी हैं। दरअसल, जुलाई 2019 में राज्यपाल का पदभार संभालने के बाद से ही धनखड़ और ममता सरकार के बीच बेहद तल्ख रिश्ते हैं। कई मौकों पर राज्यपाल धनखड़ ने ममता के फैसले पर सवाल उठाए हैं और राज्य सरकार के खिलाफ लगातार बयानबाजी करते रहे हैं।

विधानसभा चुनाव में तृणमूल की ऐतिहासिक जीत के तुरंत बाद राज्यपाल ने नारद स्टिंग केस की फाइल भी खोली और उसके चार वरिष्ठ नेताओं पर केस चलाने की इजाजत दे दी। इसके बाद ममता और राज्यपाल के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई। इस बीच राज्यपाल चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर लगातार हमलावर हैं। राज्यपाल ने ममता सरकार पर सवाल उठाते हुए पिछले दिनों हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात भी की। हिंसा की रिपोर्ट राज्यपाल ने दिल्ली को भी दी।

हाल में राज्यपाल ने चार दिवसीय दिल्ली का भी दौरा किया था और इस दौरान दो- दो बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। शाह के अलावा उन्होंने राष्ट्रपति समेत कई केंद्रीय मंत्रियों व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात की थी। दिल्ली से लौटते ही राज्यपाल सोमवार को उत्तर बंगाल के दौरे पर चले गए। हाल में कई भाजपा सांसदों द्वारा उत्तर बंगाल को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग को लेकर भी राजनीति गर्म है। राज्यपाल को टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उत्तर बंगाल पहुंचने पर काले झंडे भी दिखाए थे।

बंगाल को अस्थिर करने का षड्यंत्र रचने का गंभीर आरोप लगाया

चुनाव बाद से ही तृणमूल कांग्रेस के कई नेता व मंत्री भी उनके खिलाफ हमलावर हैं। टीएमसी ने राज्यपाल धनखड़ पर बंगाल का बंटवारा करने और राज्य को अस्थिर करने का षड्यंत्र रचने का भी गंभीर आरोप लगाया है। बंगाल सरकार में मंत्री साधन पांडे ने कहा कि धनखड़ भाजपा के एजेंट के तौर पर काम करने के लिए नियुक्त किए गए थे। ममता की जीत के बाद राज्यपाल अब अपने आपको साबित करने पर तुले हैं। उन्होंने कहा कि धनखड़ का दो एजेंडा है, पहला की बंगाल को दो भागों में बांट दिया जाए। उत्तर बंगाल को अलग करने की योजना है और दूसरा एजेंडा बंगाल में अस्थिरता पैदा करना है, ताकि ममता बनर्जी राष्ट्रीय राजनीति में ध्यान न दे पाएं और बंगाल में ही लगी रहें। 

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