Bengal Politics: टीएमसी ने राज्यपाल पर लगाया आरोप- तृणमूल को चुनने पर बंगाल की जनता को बदनाम करने की कोशिश कर रहे धनखड़

Bengal Politics सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ चुनाव में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी को चुनने को लेकर बंगाल की जनता को चुनाव बाद हिंसा के मुद्दे पर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं

By Priti JhaEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 09:53 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 03:38 PM (IST)
Bengal Politics: टीएमसी ने राज्यपाल पर  लगाया आरोप- तृणमूल को चुनने पर बंगाल की जनता को बदनाम करने की कोशिश कर रहे धनखड़
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल पर लगाया आरोप

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आरोप लगाया कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ चुनाव में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी को चुनने को लेकर बंगाल की जनता को चुनाव बाद हिंसा के मुद्दे पर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही पार्टी ने धनखड़ को उनके पद से हटाने की मांग फिर उठाई। हाल ही में बंगाल के राज्यपाल पांच दिवसीय दौरे पर दिल्ली गए थे।

राज्यसभा में टीएमसी के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर राय ने यह भी आरोप लगाया कि धनखड़ ''छिटपुट घटनाओं'' को चुनाव बाद की हिंसा करार देकर दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं जोकि बेहद गहरी राजनीतिक साजिश है। धनखड़ ने गुरुवार और शनिवार को शाह से मुलाकात की थी और माना जा रहा है कि बैठक के दौरान उन्होंने गृह मंत्री को राज्य की कानून-व्यवस्था के बारे में अवगत कराया।राय ने कहा, '' राज्यपाल दिल्ली में शाह के दरबार में चक्कर लगा रहे हैं। ऐसा करके वह राज्य और इसके लोगों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्होंने ममता बनर्जी को चुना है।''

उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक सीटें जीतने का दावा नाकाम होने पर भाजपा साजिश रचने में व्यस्त है और राज्यपाल भगवा खेमे के भोंपू की तरह बर्ताव कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्यपाल लगातार ममता सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं। जुलाई 2019 में बंगाल के राज्यपाल पद की शपथ लेने के बाद से ही धनखड़ और ममता सरकार के बीच रिश्ते तल्ख हैं। हाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा था कि उन्होंने धनखड़ को राज्यपाल पद से हटाने के लिए केंद्र को अब तक कम से कम तीन चिट्ठी लिख चुकी हैं। 

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