IIT Kharagpur: कोरोना संक्रमित होने पर फेफड़े की कोशिकाओं के 'मेटोबोलिक रिएक्शन रेट' में होता है बदलाव

कोरोना संक्रमित होने पर फेफड़े की कोशिकाओं के मेटोबोलिक रिएक्शन रेट में होता है बदलाव आइआइटी खड़गपुर की ओर से विकसित किए गए मॉडल से सामने आया तथ्य। अनुसंधानकर्ताओं का अनुमान है कि कोरोना से लिपिड मेटोबोलिजम विशेषकर फैटी एसिड ऑक्सीडेशन कॉलेस्ट्राल बायोसिंथेसिस सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

By Priti JhaEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 09:54 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 10:21 AM (IST)
IIT Kharagpur: कोरोना संक्रमित होने पर फेफड़े की कोशिकाओं के 'मेटोबोलिक रिएक्शन रेट' में होता है बदलाव
आइआइटी खड़गपुर की ओर से विकसित किए गए मॉडल से सामने आया तथ्य।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोरोना महामारी की दूसरी लहर बेहद खतरनाक होती जा रही है। इसमें संक्रमण के मामले तो बढ़ ही रहे हैं, साथ ही मौतों का ग्राफ भी तेजी से ऊपर उठ रहा है। इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी) खड़गपुर ने ऐसा मॉडल विकसित किया है, जिससे पता चला है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद फेफड़े की कोशिकाओं के 'मेटोबोलिक रिएक्शन रेट' में बदलाव होता है। इस अनुसंधान की बदौलत कोरोना महामारी को और भी अच्छी तरह से समझा जा सकेगा और इससे निपटने के लिए इलाज के बेहतर तरीके विकसित किए जा सकेंगे।

आइआइटी खड़गपुर के स्कूल ऑफ एनर्जी साइंस एंड इंजीनियरिंग  के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित घोष ने कहा-'हमने इस जीनोम-स्केल मेटोबोलिक मॉडल को विकसित करने में कोरोना से संक्रमित मनुष्य की सामान्य ब्रोंकियल सेल के जीन एक्सप्रेशन का इस्तेमाल किया। इसके साथ वायरस के माइक्रो मोलेकुलर मेक अप का भी प्रयोग किया गया है।' अन्य अनुसंधानकर्ता पीयूष नंदा ने कहा-'इस मॉडल के जरिए हमने बताने की कोशिश की है कि मेटोबोलिज्म किस तरह से काम करता है और बीमार पड़ने पर इसमें किस तरह से बदलाव आते हैं।

अनुसंधान में यह भी पता चला है कि जब कोरोना जैसे वायरस शारीरिक कोशिकाओं पर हमला करते हैं तो किस तरह से सैकड़ों केमिकल रिएक्शन संबंधी बदलाव आते हैं। इससे इस बीमारी के बारे में हमारी समझ और बेहतर होगी। मेटोबोलिक रिप्रोग्रामिंग के बारे में हमारी समझ जितनी अच्छी होगी, हम कोरोना से निपटने को इलाज के उतने ही बेहतर तरीके तलाश पाएंगे।'

अनुसंधानकर्ताओं का अनुमान है कि कोरोना से लिपिड मेटोबोलिजम, विशेषकर फैटी एसिड ऑक्सीडेशन, कॉलेस्ट्राल बायोसिंथेसिस सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। 

जानकारी हो कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर बेहद खतरनाक होती जा रही है। इसमें संक्रमण के मामले तो बढ़ ही रहे हैं, साथ ही मौतों का ग्राफ भी तेजी से ऊपर उठ रहा है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में अब तक के सर्वाधिक दो लाख नए मामले सामने आए हैं। ये मामले 10 दिन में लगभग दोगुना हो गए है। अमेरिका में एक लाख से दो लाख मामले पहुंचने में 21 दिन लगे थे। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और केरल समेत 16 राज्यों में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इनमें से भी अकेले महाराष्ट्र में ही सबसे अधिक एक्टिव केस हैं।

देश में कुल संक्रमितों का आंकड़ा एक करोड़ 40 लाख 74 हजार को पार कर गया है। इनमें से एक करोड़ 24 लाख 29 हजार से ज्यादा मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। मरीजों के उबरने की दर 88.92 फीसद पर आ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से आज बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 2 लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 1,038 लोगों की मौत हुई है और मृतकों की संख्या 1,73,123 हो गई है। 

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