गन्ने का रस बेचने वाले का मशीन में फंसा हाथ, घायल को बीएसएफ ने एंबुलेंस से पहुंचाया अस्पताल
बंगाल में एक गन्ने का रस बेचने वाले व्यक्ति की मशीन से हाथ कटने से बुरी तरह घायल होने पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने अपनी एंबुलेंस से घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 'जीवन पर्यंत कर्तंव्य' के अपने सिद्धांत को एक बार फिर सिद्ध करते हुए मानवीय मूल्यों का परिचय दिया हैं। बंगाल में दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अंतर्गत तैनात बीएसएफ की 107वीं वाहिनी ने सीमावर्ती इलाके में एक गन्ने का रस बेचने वाले व्यक्ति की मशीन से हाथ कटने से बुरी तरह घायल होने पर अपनी एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई। बीएसएफ ने एक बयान जारी कर बताया कि 16 अप्रैल को गांव बंसघाटा का रहने वाला छोटू मंडल सीमा सड़क के समीप गांव मुस्तफापुर में गन्ने का रस बेच रहा था। अचानक वह जोर से पीड़ा से चिल्लाने लगा, जिसे चिल्लाते देख सीमा पर तैनात जवान तुरंत मौके पर पहुंचे तथा देखा कि उसका हाथ रस निकालने की मशीन में बुरी तरह फंस रखा है और लहूलुहान हो रखा है।
जवानों ने बड़ी सावधानी से उसका हाथ मशीन से बाहर निकाला और तुरंत सीमा चौकी मुस्तफापुर से बीएसएफ की एंबुलेंस के साथ नर्सिंग सहायक को बुलवाया। प्राथमिक चिकित्सा देने के पश्चात एंबुलेंस की मदद से छोटू मंडल को ग्रामीण अस्पताल, बागदा में भर्ती कराया और साथ ही फोन के द्वारा उसके स्वजनों को भी सूचित किया। अस्पताल में ड्यूटी पर उपस्थित डॉक्टर ने उसे जरूरी इलाज दिया तथा उसकी हालत सामान्य बताई। तब तक छोटू मंडल के स्वजन भी अस्पताल पहुंच गए और उन्होंने सीमा सुरक्षा बल का इस प्रकार के सहयोग करने पर बहुत आभार प्रकट किया।
सीमा पर रहने वाले लोगो की सहायता को हमेशा तत्पर रहती बीएसएफ : कमांडेंट
इधर, 107वीं वाहिनी, बीएसएफ के कमांडेंट सुनील कुमार ने बताया की सीमा सुरक्षा बल, सीमा पर हमेशा सजग रहकर कार्य करती है और साथ ही सीमा पर रहने वाले लोगों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। सीमा वासियों की हर छोटी-बड़ी समस्याओ में उनका सहयोग करते हैं जिसके चलते सीमा सुरक्षा बल और सीमा वासियों के बीच आपसी संबंध और गहरे होते जा रहे हैं।