Bhabhanipur by elections: भवानीपुर विस उपचुनाव मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा अपना फैसला

भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। अदालत ने इस मामले में चुनाव आयोग से 24 घंटों के अंदर विभिन्न सवालों के जवाब देने को कहा था। आयोग की तरफ से जो जवाबी हलफनामा जमा किया गया है उससे अदालत संतुष्ट नहीं है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:31 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 05:27 PM (IST)
Bhabhanipur by elections: भवानीपुर विस उपचुनाव मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा अपना फैसला
भवानीपुर उपुचनाव को लेकर दायर याचिका पर आज फिर होगी सुनवाई

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। अदालत ने इस मामले में चुनाव आयोग से 24 घंटों के अंदर विभिन्न सवालों के जवाब देने को कहा था। आयोग की तरफ से जो जवाबी हलफनामा जमा किया गया है, उससे अदालत संतुष्ट नहीं है। हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने आयोग की भूमिका की कड़ी आलोचना की है।

राज्य के मुख्य सचिव ने आयोग को पत्र लिखकर भवानीपुर में जल्द से जल्द उपचुनाव कराने की अनुशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि भवानीपुर में उपचुनाव नहीं हुआ तो संवैधानिक संकटपैदा हो सकता है। मामलाकारी ने इस पर सवाल किया है कि सिर्फ भवानीपुर में उपचुनाव क्यों कराए जा रहे हैं जबकि चार और सीटें रिक्त हैं?शुक्रवार को मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत ने आयोग पक्ष के अधिवक्ता से कई सवाल किए, जिसका वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने पूछा-आयोग को पत्र लिखने में मुख्य सचिव की क्या भूमिका है? आयोग पक्ष के अधिवक्ता जब गोलमटोल जवाब देने लगे, तो न्यायाधीश बिंदल ने नाराज होकर कहा-'और कुछ समझाने की कोशिश न करें।' उन्होंने आगे पूछा-'मुख्य सचिव ने पत्र में संवैधानिक संकट उत्पन्न होने की बात क्यों कही? ऐसा क्यों कहा कि एक विधानसभा केंद्र पर चुनाव की अत्यावश्यकता है। यह दूसरी विधानसभा सीट पर लागू क्यों नहीं होती?

हाई कोर्ट ने कहा कि चुनाव कराने में करोड़ों का खर्च आता है। यदि एक उम्मीदवार जीतकर इस्तीफा दे देता है तो वहां उपचुनाव कराना पड़ता है। पूरे देश में यह ट्रेंड देखने को मिल रहा है। अदालत ने सवाल किया कि लोगों का पैसा इस तरह क्यों खर्च किया जा रहा है? इसे लेकर अदालत ने आयोग के नियम जानना चाहा है।

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