कोरोना काल में भारतीय फुटबॉल का मक्का कहे जाने वाले कोलकाता पर चढ़ा फुटबॉल का रंग

वाकई फुटबॉल कोलकाता के लोगों में नई ऊर्जा का संचार करता है। ऐसे समय जब बाहर नहीं निकल पा रहे तो घर में ही फुटबॉल विश्वकप के बाद दुनिया के दो सबसे विख्यात टूर्नामेंटों का लुफ्त उठा कते हैं।

By Priti JhaEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 01:41 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 03:00 PM (IST)
कोरोना काल में भारतीय फुटबॉल का मक्का कहे जाने वाले कोलकाता पर चढ़ा फुटबॉल का रंग
कोलकाता के गली-मोहल्ले में इस समय क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोन मेसी के पोस्टर दिख रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। किसी ने सच कहा है कि फुटबॉल कोलकाता के लोगों के खून में है। 'सिटी ऑफ ज्वाय" के लोग फुटबॉल के बिना रह नहीं सकते शायद इसीलिए कोलकाता को भारतीय फुटबॉल का मक्का कहा जाता है। ऐसे समय जब यूरो कप और कोपा अमेरिका साथ-साथ चल रहे हों तो कोलकाता के लोगों के लिए यह डबल बोनांजा से कम नहीं है। कोरोना काल में भी कोलकाता पर फुटबॉल का रंग चढ़ गया है। कोलकाता के गली-मोहल्ले में इस समय क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोन मेसी के पोस्टर दिख रहे हैं।

कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले के बेलघरिया इलाके की नवीन पल्ली तो पूरी तरह फुटबॉल के रंग में रंग गई है। स्थानीय वाणी घोष स्मृति संग्रहशाला ने पूरे मोहल्ले को फुटबॉल की तर्ज पर सजाया है। वहां यूरो कप और कोपा अमेरिका में शिरकत कर रहे सभी देशों के झंडे लगाए गए हैं। मैचों की पूरी सूची भी लगाई गई है।

वाणी घोष स्मृति संग्रहशाला के कोऑर्डिनेटर सौम्यजीत कर ने बताया कि कोरोना के इस कठिन समय में लोग मानसिक तौर पर टूटे हुए हैं। हम इस पहल के जरिए उनमें नया जोश भरने की कोशिश कर रहे हैं। वाकई फुटबॉल कोलकाता के लोगों में नई ऊर्जा का संचार करता है। ऐसे समय जब बाहर नहीं निकल पा रहे तो घर में ही फुटबॉल विश्वकप के बाद दुनिया के दो सबसे विख्यात टूर्नामेंटों का लुफ्त उठा कते हैं। इस पहल में सौम्यजीत कर, शुभजीत कर, सौभिक दे, अर्घ्य सोम, बुबाई कर, देवब्रत कर विजय गुहा, सुमन दे सायंतन दे, प्रीतम साहा, देवाशीष कर, शुभाशीष कर आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। 

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