West Bengal: आइआइटी खड़गपुर में पान के पत्तों से तेल निकालने की तकनीक विकसित

आइआइटी खड़गपुर में पान के पत्तों से तेल निकालने की एक नई तकनीक विकसित की है। मौजूदा तकनीक की तुलना में 30 फीसद ऊर्जा बचाई जा सकती है। पान के पत्तों के तेल की मात्रा में 16 फीसद तक वृद्धि हो सकती है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 09:28 AM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 09:42 AM (IST)
West Bengal: आइआइटी खड़गपुर में पान के पत्तों से तेल निकालने की तकनीक विकसित
आइआइटी खड़गपुर में पान के पत्तों से तेल निकालने की तकनीक विकसित

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। आइआइटी खड़गपुर के अनुसंधानकर्ताओं ने पान के पत्तों से तेल को अलग करने के लिए एक नई तकनीक विकसित की है, जिससे इस प्रक्रिया की कार्यक्षमता में सुधार हो सकता है। साथ ही अपशिष्ट में कमी आ सकती है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि इस उपकरण से मौजूदा तकनीक की तुलना में 30 फीसद ऊर्जा बचाई जा सकती है और पान के पत्तों के तेल की मात्रा में 16 फीसद तक वृद्धि हो सकती है। आइआइटी खड़गपुर के एक प्रवक्ता ने कहा कि पान के पत्तों से तेल निकालने की मौजूदा प्रक्रिया कम आर्थिक व्यवहार्यता से जूझ रही है। साथ ही इसमें अपशिष्ट भी अधिक पैदा होता है। इस समस्या को हल करने के लिए प्रोफेसर प्रशांत गुहा और आइआइटी खड़गपुर के कृषि एवं खाद्य इंजीनियरिंग विभाग के अनुसंधानकर्ताओं के समूह ने यह तकनीक विकसित की है।

गुहा ने कहा कि पान की पत्तियां उगाने वालों के लिए यह उपकरण किफायती है क्योंकि 10 लीटर यूनिट वाले उपकरण को बनाने की कीमत 10 हजार जबकि 20 लीटर यूनिट वाले उपकरण की कीमत 20 हजार रुपये है। उन्होंने कहा कि इस उपकरण को छोटे किसान भी आसानी से अपने पास रख सकते हैं। इसका इस्तेमाल कर एक व्यक्ति प्रतिदिन तीन पालियों में करीब 10 से 20 मिली लीटर आवश्यक तेल निकाल सकते हैं। तेल की कीमत गुणवत्ता के आधार पर 30 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक हो सकती है। बताते चलें कि पान के तेल में कई तरह के औषधीय गुण है और कई दवाओं में भी इसका इस्तेमाल होता है। 

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