सुवेंदु ने की हाईकोर्ट के जज के एक बड़े घोटाले के आरोपित के अधिवक्ता से मिलने के मामले की जांच की मांग

बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने मामले पर ममता सरकार की चुप्पी पर उठाया सवाल कहा- जांच नहीं होने पर कानून व्यवस्था बदहाल होगी और न्यायपालिका भी दांव पर लगेगी। सुवेंदु ने कहा कि ऐसा नहीं होने पर कानून व्यवस्था बदहाल होगी और न्यायपालिका भी दांव पर लगेगी।

By Priti JhaEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 11:27 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 11:27 AM (IST)
सुवेंदु ने की हाईकोर्ट के जज के एक बड़े घोटाले के आरोपित के अधिवक्ता से मिलने के मामले की जांच की मांग
नंदीग्राम से भाजपा विधायक व बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। नंदीग्राम से भाजपा विधायक व बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के एक कर्मरत जज के अपने हालिया दिल्ली दौरे के दौरान बंगाल में हुए एक बड़े घोटाले के मुख्य आरोपित के अधिवक्ता से मिलने के मामले पर ममता सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है। उन्होंने इस मामले की बारीकी से जांच कराए जाने की भी मांग की है। सुवेंदु ने कहा कि ऐसा नहीं होने पर कानून व्यवस्था बदहाल होगी और न्यायपालिका भी दांव पर लगेगी। सुवेंदु ने उक्त आरोपित का नाम तो नहीं लिया है लेकिन कहा जा रहा है कि उनका इशारा विनय मिश्रा की तरफ है, जो सीमा पार मवेशी तस्करी और बंगाल में अवैध कोयला खनन के मामलों में मुख्य आरोपित हैं।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही तृणमूल कांग्रेस ने सुवेंदु के नई दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मुलाकात करने का दावा किया था। तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने सवाल किया था कि नारद स्टिंग कांड में सीबीआइ की पैरवी कर रहे तुषार मेहता उसी मामले में आरोपित सुवेंदु अधिकारी से कैसे मुलाकात कर सकते हैं?

सुवेंदु अधिकारी के दावे पर तृणमूल विधायक तापस राय ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि सुवेंदु को पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से क्यों मिले थे? दूसरी तरफ भाजपा के बंगाल प्रभारी अमित मालवीय ने सुवेंदु अधिकारी के दावे पर कहा है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को यह बात साफ करनी चाहिए कि क्या उनके वरिष्ठ अधिवक्ता, जो कि बंगाल से राज्यसभा सदस्य हैं और बंगाल में चुनाव बाद हिंसा मामले और एक बड़े घोटाले के मुख्य आरोपित की पैरवी कर रहे हैं, दिल्ली में कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश से मिले थे अथवा नहीं। 

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