सुवेंदु अधिकारी ने बाबुल सुप्रियो को ममता बनर्जी व अभिषेक बनर्जी के साथ अपने सौदे का खुलासा करने की चुनौती दी
भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को हाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे सांसद अभिषेक बनर्जी के साथ पार्टी में शामिल होने के लिए हुए उनके कथित सौदे पर सवाल उठाया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को हाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे सांसद अभिषेक बनर्जी के साथ पार्टी में शामिल होने के लिए हुए उनके कथित सौदे पर सवाल उठाया। उन्होंने बाबुल को इस सौदे का खुलासा करने की भी चुनौती दी।
बाबुल द्वारा उठाए गए सवाल पर सुवेंदु ने कहा- मुझे नहीं लगता कि उन्होंने जो कहा उस पर टिप्पणी करना महत्वपूर्ण है। लेकिन उन्हें 'बुआ और भतीजा' (बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी) के साथ टीएमसी में शामिल होने के अपने सौदे के बारे में जनता को बताना चाहिए, तभी मैं जवाब दूंगा। दरअसल, भाजपा नेता का यह बयान तब आया है जब बाबुल ने टीएमसी में शामिल होने के करीब एक महीने बाद मंगलवार को औपचारिक रूप से आसनसोल के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था।
इस्तीफे के बाद बाबुल ने कहा था कि अब सुवेंदु अधिकारी के पिता और भाई को अपनी-अपनी लोकसभा सीटों से इस्तीफा दे देना चाहिए। दरअसल, सुवेंदु के पिता शिशिर अधिकारी ने विधानसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रैली में मंच साझा किया था।
सुवेंदु अधिकारी पर टिप्पणी करते हुए बाबुल ने कहा था, सुवेंदु कुछ महीने पहले टीएमसी का एक अभिन्न अंग थे। राजनीति से बाहर वे एक दोस्त रहे हैं, लेकिन उन्हें राजनीतिक रूप से मेरे बारे में बहुत कठोर बातें करने का हक है। लेकिन उन्हें अपने पिता और भाई को सलाह देनी चाहिए कि वे संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दें, क्योंकि वे अब टीएमसी का हिस्सा नहीं हैं।
बता दें कि सुवेंदु अधिकारी राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले दिसंबर, 2020 में भाजपा में शामिल हुए थे। इसके बाद उनके पिता शिशिर अधिकारी इस साल मार्च में अनौपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हुए थे। गौरतलब है कि जुलाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद बाबुल सुप्रियो ने अगस्त में राजनीति से सन्यास का एलान कर दिया था। एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने यह भी कहा था कि उनके और बंगाल भाजपा के नेताओं के बीच मतभेद था और वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे थे। बाद में 18 सितंबर को बाबुल ने अचानक टीएमसी का दामन थाम लिया था।