West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल विधानसभा चुनाव में धनबल और बाहुबल किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं: सुनील अरोड़ा

West Bengal Assembly Election 2021 मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए हाई वोल्टेज चुनाव के दौरान हिंसा की आशंका जताई है। हम बंगाल के हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 05:46 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 05:59 PM (IST)
West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल विधानसभा चुनाव में धनबल और बाहुबल किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं: सुनील अरोड़ा
बंगाल विधानसभा चुनाव में धनबल और बाहुबल किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं: सुनील अरोड़ा। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal Assembly Election 2021: केंद्रीय चुनाव आयोग ने बंगाल में निष्पक्ष, निर्बाध व शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा चुनाव कराने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि वह इस बाबत तमाम इंतजाम कर रहा है। आयोग ने दो टूक कहा कि चुनाव में धनबल और बाहुबल को किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आयोग की पूर्ण पीठ के दो दिवसीय बंगाल दौरे के समापन पर शुक्रवार को मीडिया से मुखातिब हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए हाई वोल्टेज चुनाव के दौरान हिंसा की आशंका जताई है। हम बंगाल के हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं। समस्त डीएम, एसपी व आला प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को निष्पक्ष, निर्बाध व शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। अरोड़ा ने कहा कि आयोग चुनाव में धनबल और बाहुबल को किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा और इस पर शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाएगा। व्यय पर्यवेक्षक इस बाबत उपयुक्त कदम उठाएंगे। 

बंगाल में अग्रिम तौर पर भेजा जाएगा केंद्रीय बल

बंगाल में विस चुनाव से काफी पहले केंद्रीय बल भेजने संबंधी सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हम स्थिति का अंतिम तौर पर मूल्यांकन करने के बाद ही कोई निर्णय लेंगे। यह केंद्रीय बल की उपलब्धता पर भी निर्भर करता है। बंगाल में चुनाव से दो-तीन महीने पहले न सही, लेकिन अग्रिम तौर पर केंद्रीय बल जरूर भेजा जाएगा।

भेजे जाएंगे विशेष पर्यवेक्षक

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बंगाल विस चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद यहां विशेष पर्यवेक्षक भेजे जाएंगे। इनमें कानून व्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने वाले पर्यवेक्षक व आम पर्यवेक्षक शामिल होंगे। पिछले लोकसभा चुनाव के समय भी सूबे में विशेष पर्यवेक्षक भेजे गए थे।

चुनावी ड्यूटी पर नहीं लगाई जाएंगी सिविक व ग्रीन पुलिस

अरोड़ा ने यह भी साफ किया कि बंगाल में विस चुनाव की ड्यूटी पर सिविक व ग्रीन पुलिस नहीं लगाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव व डीजीपी के साथ बैठक में उनकी तरफ से यह आश्वासन दिया गया है।

मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाकर की गई एक लाख से ज्यादा

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कोरोना महामारी के हालात को देखते हुए बंगाल में मतदान केंद्रों की संख्या 78,903 से बढ़ाकर 1,01,790 की गई है, यानी इसमें 22,887 का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1,500 से घटाकर 1,000 की गई है।

मतदाता सूची का नहीं किया जाएगा सत्यापन

बंगाल में मतदाता सूची में बड़ी संख्या में बांग्लादेशियों व रोहिंग्या के नाम शामिल किए जाने के आरोप को भी अरोड़ा ने खारिज करते हुए साफ कहा कि मतदाता सूची तैयार होकर सबके सामने हैं और अब इसका सत्यापन नहीं किया जाएगा।

23 को बंगाल विस चुनाव पर दिल्ली में अहम बैठक

अरोड़ा ने कहा कि बंगाल विस चुनाव को लेकर बैठकों का दौर जारी है। कोलकाता में आयोग की पूर्ण पीठ की बैठक के बाद अब शनिवार को दिल्ली में भी इसे लेकर अहम बैठक होगी।

बीएसएफ पर आरोप लगाने वाला राजनीतिक दल ठोस सुबूत पेश करे 

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर लगे आरोप को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए आयोग ने उसे अपनी तरफ से क्लीन चिट दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा-'बीएसएफ देश के बेहतरीन सुरक्षा बलों में से एक है, जिसका गठन रुस्तमजी व अन्य दमदार पुलिस अधिकारियों ने किया था। हमने बीएसएफ पर आरोप लगाने वाले राजनीतिक दल को ठोस सुबूत पेश करने को कहा है। गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से आयोग के साथ राजनीतिक दलों की बैठक के दौरान बीएसएफ पर आरोप लगाते हुए कहा गया था कि वह भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए बंगाल के सीमावर्ती इलाकों के गांवों के लोगों को धमका रही है। 

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