Mission 2024: विपक्ष का चेहरा ममता बनर्जी होंगी, यह सोचना मूर्खता है: सुजन चक्रवर्ती

Mission 2024 बंगाल विधानसभा में माकपा विधायक दल के नेता रहे सुजन चक्रवर्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ बनने वाले प्रस्तावित गठजोड़ का चेहरा ममता बनर्जी को बनाए जाने पर बुधवार को सवाल खड़े किए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 07:25 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 07:25 PM (IST)
Mission 2024: विपक्ष का चेहरा ममता बनर्जी होंगी, यह सोचना मूर्खता है: सुजन चक्रवर्ती
विपक्ष का चेहरा ममता बनर्जी होंगी, यह सोचना मूर्खता है: सुजन चक्रवर्ती। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल चुनाव में प्रचंड जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय स्तर पर नरेंद्र मोदी व भाजपा के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन बनाने के लिए दिल्ली के दौरे पर हैं। ममता कांग्रेस के साथ कई विपक्षी दलों के नेताओं से मिल रही हैं और खुद को विपक्ष का चेहरा बनने की कवायद में जुटी हुई हैं। इस बीच, बंगाल में वामदलों की अगुवाई करने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के भीतर राज्य में अपनी धुर विरोधी पार्टी टीएमसी को राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन देने के मुद्दे पर मतभेद सामने आ गए हैं। पार्टी के एक धड़े ने ममता का विरोध करना शुरू कर दिया है।

राज्य में पार्टी के वरिष्ठ नेता व पिछली बंगाल विधानसभा में माकपा विधायक दल के नेता रहे सुजन चक्रवर्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ बनने वाले प्रस्तावित गठजोड़ का चेहरा ममता बनर्जी को बनाए जाने पर बुधवार को सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा है कि बंगाल में भाजपा को मजबूत बनाने वाली ममता बनर्जी विरोधी फ्रंट का नेतृत्व कैसे कर सकती हैं? भाजपा के खिलाफ आंदोलन का उनका कोई इतिहास नहीं रहा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा और पीएम मोदी के खिलाफ विपक्ष का एक स्पष्ट चेहरा होना चाहिए, लेकिन वो चेहरा ममता बनर्जी होंगी, यह सोचना मूर्खता है।

गौरतलब है कि इससे पहले माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बोस ने हाल में बयान दिया था कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को रोकने के लिए उनकी पार्टी किसी भी दल के साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार है। इस बीच, सुजन के बयान से विरोध के स्वर सामने आ गए हैं। कांग्रेस और इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के साथ गठबंधन करने के बावजूद विधानसभा चुनाव 2021 में माकपा एक भी सीट नहीं जीत पाई। इसके बाद हाल में समीक्षा बैठक के दौरान पार्टी की हार के लिए कुछ माकपा नेताओं ने कांग्रेस व आइएसएफ को ही जिम्मेदार ठहराया था। 

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