दवाइयों की तस्करी के लिए छात्र का इस्तेमाल, बीएसएफ ने दो तस्करों को दबोचा

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आईसीपी पेट्रापोल से विभिन्न प्रकार की दवाइयों की तस्करी करते दो तस्करों को गिरफ्तार किया है।इसमें एक कॉलेज का छात्र है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 01:25 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 01:25 PM (IST)
दवाइयों की तस्करी के लिए छात्र का इस्तेमाल, बीएसएफ ने दो तस्करों को दबोचा
दवाइयों की तस्करी करते गिरफ्तार दोनों तस्कर।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी के लिए भोले- भाले छात्रों को लालच देकर इस्तेमाल किया जा रहा है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आईसीपी पेट्रापोल से विभिन्न प्रकार की दवाइयों की तस्करी करते दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक कॉलेज का छात्र है।

बीएसएफ की ओर से जारी बयान में बताया गया कि जब्त दवाइयों की अनुमानित कीमत 1,49,600 रुपये हैं। इन दवाइयों को आईसीपी पेट्रापोल क्षेत्र से तस्करी के लिए बांग्लादेश ले जाया जा रहा था। बयान के मुताबिक, 19 जून को दैनिक रूटीन ड्यूटी के दौरान बीएसएफ के जवानों ने आईसीपी पेट्रापोल (अंतर्राष्ट्रीय सीमा) में रेलवे क्रॉसिंग के नजदीक रूटीन तलाशी अभियान के दौरान दो संदिग्ध मोटरसाइकिल सवार युवकों को संदेहास्पद स्थिति में आयात (बांग्लादेशी) पार्किंग एरिया की तरफ जाते हुए देखा। सीमा सुरक्षा बल के कार्मिकों को देख कर युवक घबरा रहा था। जब रोककर दोनों मोटरसाइकिल सवार युवकों की तलाशी ली तो उसके बैग से विभिन्न प्रकार की दवाइयां बरामद हुई। जवानों ने उक्त दवाइयों को जब्त कर दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया।

पकड़े गए तस्कर की पहचान बिस्वजीत सरकार (22), बनबिहारी कालोनी, बनगांव एवं रमेश मंडल (19), पेट्रापोल, जिला- उत्तर 24 परगना के रूप में हुई है। पूछताछ में बिस्वजीत सरकार ने बताया की वह आईसीपी पेट्रापोल में पार्किंग एरिया के बाहर चाय की दुकान चलाता है।सुबह पेट्रापोल निवासी देवाशीष मंडल ने उसे ये दवाइयां दी थी तथा इनको बांग्लादेश भेजने के लिए एक बांग्लादेशी ट्रक ड्राइवर को देने को बताया था, जिसके बदले उसे देवाशीष से 2,500 रुपये मिलते।

वहीं, पकड़े गए एक अन्य युवक रमेश मंडल ने पूछताछ में बताया कि वह पेट्रापोल का रहने वाला है तथा कॉलेज का विद्यार्थी है। अजगर इंटरप्राइजेज (मनी एक्सचेंजर) में वह पार्ट टाइम जॉब भी करता है। आगे उसने बताया कि सेंट्रल वेयर हाउस के गेट नंबर दो के पास उसके पिताजी डॉ. रमेश मंडल की दवाई की दुकान (दिशा क्लिनिक) है। वह तथा बिस्वजीत सरकार मोटरसाइकिल से इन दवाइयों को लेकर बांग्लादेशी ड्राइवर शमीम को देने जा रहे थे, लेकिन रेलवे गेट के पास पहुंचते ही बीएसएफ की चेकिंग पार्टी ने उन्हें पकड़ लिया।गिरफ्तार तस्करों तथा जब्त दवाइयों को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए कस्टम कार्यालय पेट्रापोल को सौंप दिया गया है।‌

बीएसएफ कमांडेंट ने जवानों की प्रशंसा की

इधर, 179वीं बटालियन, बीएसएफ के कमांडेंट अरुण कुमार ने दोनों तस्करों की गिरफ्तारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपने जवानों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर तैनात जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है। 

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