हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एसएससी नियुक्ति मामले की सीबीआइ जांच का फैसला किया खारिज, सीट का गठन

कलकत्ता हाई कोर्ट की खंडपीठ ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) ग्रुप डी नियुक्ति मामले में हुई अनियमितता की सीबीआइ जांच के फैसले को खारिज कर दिया है। खंडपीठ ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में विशेष जांच दल (सीट) का गठन कर मामले की तफ्तीश का निर्देश दिया है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 05:47 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 05:47 PM (IST)
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एसएससी नियुक्ति मामले की सीबीआइ जांच का फैसला किया खारिज, सीट का गठन
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सीबीआइ जांच का दिया था निर्देश

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट की खंडपीठ ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) ग्रुप डी नियुक्ति मामले में हुई अनियमितता की सीबीआइ जांच के फैसले को खारिज कर दिया है। खंडपीठ ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में विशेष जांच दल (सीट) का गठन कर मामले की तफ्तीश का निर्देश दिया है। अदालत ने सीट को दो महीने के अंदर पूर्ण रिपोर्ट जमा देने को कहा है। उसके आधार पर अदालत अंतिम फैसला सुनाएगी। न्यायाधीश हरीश टंडन और न्यायाधीश रवींद्रनाथ सामंत की खंडपीठ ने सोमवार को यह फैसला सुनाया।

खंडपीठ ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजीत कुमार बाग के नेतृत्व में सीट का गठन किया जाएगा। सीट में एसएससी के प्रतिनिधि के तौर पर आशुतोष घोष, माध्यमिक शिक्षा पर्षद की तरफ से पारोमिता राय व हाई कोर्ट के अधिवक्ता अरुणाभ बंद्योपाध्याय शामिल होंगे। खंडपीठ ने कहा कि आमतौर पर उन मामलों की सीबीआइ जांच का आदेश दिया जाता है, जिनमें सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है। इस मामले में राज्य सरकार खुद ही तत्पर है इसलिए सीबीआइ जांच की जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल पीठ ने सीबीआइ जांच का आदेश दिया था।

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यह है मामला

2016 में स्कूलों में ग्रुप डी पदों पर करीब 13 हजार नियुक्तियों के लिए एसएससी ने परीक्षा का आयोजन किया था और उम्मीदवारों के साक्षात्कार भी लिए थे। इसके बाद नियुक्तियों के लिए एक पैनल का गठन किया गया था। उस पैनल की मियाद 2019 में खत्म हो गई थी। आरोप है कि पैनल की मियाद खत्म होने के बाद भी अनियमित तरीके से नियुक्तियां की गईं। अमान्य तरीके से नियुक्तियों को लेकर हाई कोर्ट में मामला किया गया था। अदालत ने इसे लेकर एसएससी सचिव से हलफनामा दाखिल करने को कहा था। उनकी तरफ से दाखिल किए गए हलफनामे पर अदालत ने असंतोष जताया था।

मामले से माध्यमिक शिक्षा पर्षद का नाम भी जुड़ा था। अदालत ने माध्यमिक शिक्षा पर्षद को भी हलफनामा दाखिल करने को कहा था। दोनों पक्षों के हलफनामे को अपूर्ण पाते हुए हाई कोर्ट की एकल पीठ ने मामले की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ हाई कोर्ट की खंडपीठ में याचिका दायर की गई। खंडपीठ ने सीबीआइ जांच पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

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यह है मामला

2016 में स्कूलों में ग्रुप डी पदों पर करीब 13 हजार नियुक्तियों के लिए एसएससी ने परीक्षा का आयोजन किया था और उम्मीदवारों के साक्षात्कार भी लिए थे। इसके बाद नियुक्तियों के लिए एक पैनल का गठन किया गया था। उस पैनल की मियाद 2019 में खत्म हो गई थी। आरोप है कि पैनल की मियाद खत्म होने के बाद भी अनियमित तरीके से नियुक्तियां की गईं। अमान्य तरीके से नियुक्तियों को लेकर हाई कोर्ट में मामला किया गया था। अदालत ने इसे लेकर एसएससी सचिव से हलफनामा दाखिल करने को कहा था।

उनकी तरफ से दाखिल किए गए हलफनामे पर अदालत ने असंतोष जताया था। मामले से माध्यमिक शिक्षा पर्षद का नाम भी जुड़ा था। अदालत ने माध्यमिक शिक्षा पर्षद को भी हलफनामा दाखिल करने को कहा था। दोनों पक्षों के हलफनामे को अपूर्ण पाते हुए हाई कोर्ट की एकल पीठ ने मामले की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ हाई कोर्ट की खंडपीठ में याचिका दायर की गई। खंडपीठ ने सीबीआइ जांच पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

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