Kolkata Durga puja 2021: विसर्जन पर हावड़ा में घाटों की सफाई पर रखा गया है विशेष ध्यान

शारदीय नवरात्र के बाद मां दुर्गा को विदाई दी जा रही है। भले ही इस बार कोरोना के कारण पंडाल और मूर्तियां छोटी रखी गई थीं लेकिन मां दुर्गा की विदाई पारंपरिक रूप से हो रही है। लोग ‘सिंदूर खेला’ के साथ मां को विदा करने के‌ लिए तैयार है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 01:09 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 01:09 PM (IST)
Kolkata Durga puja 2021: विसर्जन पर हावड़ा में घाटों की सफाई पर रखा गया है विशेष ध्यान
विसर्जन पर हावड़ा में घाटों की सफाई पर रखा गया है विशेष ध्यान

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। आज दशमी है और लोग आज नम आंखों से मां को विदा करेंगे। कोलकाता के साथ हावड़ा के बड़े पूजा पंडालों में अधिकतरों में विसर्जन कर दिया जायेगा। वहीं दुर्गापूजा के बाद मां के विर्सजन को लेकर हावड़ा नगर निगम ने पहले से ही कमर कस ली थी। इसके लिए हावड़ा नगर निगम के बाेर्ड आफ एडमिनिस्ट्रेटर के वाइस चेयरमैन सैकत चौधरी के नेतृत्व में एडमिनिस्ट्रेटर रायचरण मन्ना, मंजित रफेल के साथ कंजरवेंसी के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर और सफाई डिपार्टमेंट से संबंधित अधिकारियों के साथ विशेष बैठक की थी। यहां सैकत चौधरी ने सभी को यह दिशा निर्देश दिया था कि विसर्जन के पहले ही घाटों की सफाई सबसे ज्यादा जरूरी है और जहां पर लाइट की समस्या है, उसका समाधान किया गया।

उन्होंने कहा कि इस दाैरान विसर्जन यानी दशमी से लेकर त्रयोदशी तक निगम के कंजरवेंसी डिपार्टमेंट के दो लोग हावड़ा के विभिन्न घाटों जिनमें जगन्नाथ घाट, बिचाली घाट, गोसाईघाट, बांधाघाट, हावड़ा घाट, नमकघोला घाट, रामकृष्णपुर व​ शिवपुर समेत अन्य पर तैनात होंगे। ये मूर्तियों के विसर्जन के बाद हटाकर एक दूसरी जगह पर रखेंगे, ताकि गंगा में गंदगी न फैले। इसके साथ ही सैकत चौधरी ने कहा कि सबसे ज्यादा विसर्जन रामकृष्णपुर व ​​शिवपुर घाट पर होती है और इसके लिये यहां डिजास्टर मैनेजमेंट की टीम रहेगी, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न घटे।

विजयादशमी पर पंडालों में महिलाएं सिंदूर खेला करती हैं। मां की विदाई से पहले विवाहित महिलाएं उनकी प्रतिमा पर सिंदूर लगाती हैं फिर वहीं सिंदूर एक दूसरे को भी लगाती हैं। जैसे होली पर अबीर या गुलाल लगाते हैं उसी तरह इस दिन पंडालों में महिलाएं पूरे धूमधाम से सिंदूर खेला करती हैं।

शारदीय नवरात्र के बाद मां दुर्गा को विदाई दी जा रही है। भले ही इस बार कोरोना के कारण पंडाल और मूर्तियां छोटी रखी गई थीं लेकिन मां दुर्गा की विदाई पारंपरिक रूप से हो रही है। बीरभूम में भी इसकी धूम सुबह से ही दिख रही है। लोग ‘सिंदूर खेला’ के साथ मां को विदा करने के‌ लिए तैयार है। 

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